आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिये प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का शुभारम्भ किया गया है – मुख्य विकास अधिकारी

मैनपुरी – मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना समिति की बैठक में कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के संकल्प को साकार करने की श्रंृखला में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पी.एम.एफ.एम.ई. के क्रियान्वयन हेतु निर्गत दिशा-निर्देश के क्रम में प्रमुख सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उ.प्र. शासन के द्वारा जनपद में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के अन्तर्गत प्रारम्भ की गयी है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजनान्तर्गत भारत सरकार के द्वारा देश में 02 लाख सूक्ष्म उद्योगों को लाभान्वित कर लगभग 09 लाख कुशल व अर्द्ध-कुशल रोजगार उत्पन्न करते हुए रू. 10 हजार करोड़ का परिव्यय का लक्ष्य है, जिसमें से जनपद हेतु 200 सूक्ष्म उद्यमों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार की इस योजना एक जिला-एक उत्पाद (ओ.डी.ओ.पी.) की अवधारणा के तहत इनपुट की खरीद सामान्य संवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन के सन्दर्भ में लाभ प्राप्त करने का अवसर दिया जाना है।
     सीडीओ ने कहा कि सूक्ष्म उद्यामियों की क्षमता में वृद्धि करने के लिए जी.एस.टी. एफ.एस.एस.ए.आई. स्वच्छता मानकों और उद्यम आधार के लिए पंजीकरण के साथ-साथ उन्नयन एवं मानकीकरण के लिए पूंजीगत निवेश हेतु सहायता देना, कुशल प्रशिक्षण, खाद्य संरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के सम्बन्ध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण किया जाना बैंकऋ़ण प्राप्त करने एवं उन्नयन करने हेतु डी.पी.आर. तैयार करने के लिये हैंड- होन्डिंग सहायता प्रदान करना पूंजी निवेश, सामान्य अवसंरचना तथा ब्राडिंग एवं विपणन सहायता के लिये कृषक उत्पादन संगठनों स्वयं साियता समूहिक, उत्पादक सहकारिताओं तथा सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करना आदि इसके प्रमुख उद्देश्य है। उन्होने बताया कि इस योजनान्तर्गत पूर्व से स्थापित वह इकाईयाॅं पात्र होगी, जिनमें 10 से कम कार्मिक कार्यरत है, तथा उनका सालाना टर्न ओवर न्यूनतम 05 लाख तथा अधिकतम 01 करोड़ तक हो, इकाई का उद्यामित्व ही आवेदक  हो तथा उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है व उसकी शैक्षिक योग्यता न्यूनतम कक्षा-8 उत्तीर्ण हो, एक परिवार का केवल एक ही व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होगा।
     मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण के पात्र उद्यमी, जिसकी अधिकतम लागत् 10 लाख प्रति उद्यम हो, उनको लागत् का 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ दिया जायेगा, लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होगा, शेष राशि बैंक के लाभार्थी को ऋण प्राप्त करना होगा। योजना में एफ.पी.ओ. स्वयं सहायता समूहों एवं को-आपरेटिव को 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान सहित सम्पूर्ण मूल्य से श्रखला समेज पूॅंजी निवेश हेतु सहायता प्रदान की जायेगी।                                                                           सामान्य पैकेजिंग,ब्राण्डिंग विकसित करने,गुणवत्ता नियंत्रण,मानकीकरण के उपबन्ध के साथ करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए खाद्य संरचना पैरामीटर का अनुपालन करने के लिए एफ.पी.ओ., एस.एच.जी., सहकारिताओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों, एस.पी.वी. को ब्राडिंग और मार्केटिंग सहायता दी जायेगी। इन संगठनों को सहायता उनके द्वारा तैयार की गयी डी.पी.आर. और राज्य नोडल एजेन्सी द्वारा दिये गये अनुमोदन के आधार पर ब्राडिंग व विपणन पर कुल व्यय का 50 प्रतिशत तक दी जायेगी।
           बैठक में सम्बन्धित अधिकारी, समिति के सदस्य आदि उपस्थित रहे, बैठक का संचालन जिला उद्यान अधिकारी अनीता सिंह ने किया।

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