मुजफरपुर अस्पताल पहुंचे मुख्यमंत्री का विरोध ,लोगों ने वापस जाओ मुर्दाबाद के नारे लगाये

मुजफरपुर । मुजफरपुर और उसके आसपास के जिलों में चमकी बुखार से बच्चों के बीमार और मौत का सिलसिला शुरु होने के एक पखवारा बीतने के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को यहां परिजनों के गुस्से और विरोध का सामना करना पड़ा।

सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था के बावजूद मुख्यमंत्री के समक्ष नीतीश मुर्दाबाद,मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगते रहे। पुलिस ने नाराज लोगों को हटाने के लिए धक्का—मुक्की की। एसकेएमसीएच में मरीजों को देखकर बाहर निकलते ही मासूमों के परिजन व्यवस्था की कमी पर तरह—तरह के सवाल उठाते रहे।

अस्पताल परिसर में लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं होने की भी शिकायत गूंजती रही। मुख्यमंत्री के पूर्वाहद्न 10 बजे के बाद एसकेएमसीएच आने का कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गयी थी। अस्पताल के इर्द—गिर्द के पांच किलोमीटर के दायरे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बीमार मासूमों को लेकर आने वाले और मरीजों की देखभाल करने आनेवाले परिजनों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी ।

लोगों में इसको लेकर भी गुस्सा था। इसी कारण मुख्यमंत्री को लोगों की नाराजगी और विरोध आते ही झेलना पड़ा। 2 जून से चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के आने का सिलसिला शुरु होने के बाद आधिकारिक तौर पर सोमवार तक एसकेएमसीएच और केजरी अस्पताल में 103 मासूमों की मौत होने की पुष्टि की गयी है। गैर सरकारी आंकड़ा इससे अधिक बताया जा रहा है।

किस जिले में कितनी मौत?
बिहार में AES से अबतक 132 बच्चों की मौत हुई है, जिसमें अकेले मुजफ्फरपुर में ही 108, हाजीपुर में 11, समस्तीपुर में 5, मोतिहारी में 5, पटना के PMCH में एक बच्चे की मौत हुई है वहीं शिवहर में AES से 2 बच्चों की मौत हुई है और नवादा में भी 1 बच्चे की मौत हुई है, लेकिन नवादा में हुई मासूम की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।

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चमकी बुखार से राज्य के 12 जिले प्रभावित

नीतीश कुमार की बैठक में फैसला किया गया कि चमकी से प्रभावित बच्चों को निशुल्क एंबुलेंस मुहैया कराई जाएगी और पूरे इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। वहीं इस बीमारी से मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि चमकी बुखार से बिहार के कुल 12 जिले के 222 प्रखंड प्रभावित हैं। लेकिन इनमें से 75 प्रतिशत केस मुजफ्फरपुर में हैं।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र सिंह कुशवाहा ने भी सोमवार को अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि 5 साल पहले भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का ऐलान और 100 बेड के सुपर स्पेशलिटी वाले यूनिट के निर्माण का ऐलान किया था। 2014 में 379 बच्चों की मौत हुई थी।

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