
रायबरेली।कोरोना की आड़ में विगत दस माह से बंद चले आ रहे विद्यालयों के कारण बच्चों की शिक्षा पर जहां बुरा असर पड़ रहा है वहीं उत्तर प्रदेश के निजी विद्यालयों में कार्यरत लगभग 14 लाख से भी अधिक शिक्षकों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। रायबरेली स्कूल मैनेजर एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव सिंह ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद यह उदगार व्यक्त किए।
प्राइमरी व जूनियर कक्षाओं के संचालन तथा बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से ऋण पर क्रय किए गए वाहनों की ईएमआई समस्या को लेकर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट युगराज सिंह को सौंपा। एसोसिएशन के संरक्षक अरविन्द श्रीवास्तव, एडवोकेट ने कहा कि गत तीन माह से कक्षा 9 से 12 के बच्चों को स्कूल आने की अनुमति दी गई है और यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि उत्तर प्रदेश में कहीं भी कोई अप्रिय समाचार नहीं प्राप्त हुए हैं उन्होंने पचास प्रतिशत उपस्थिति के साथ एवं कोविड प्रोटोकोल के तहत प्राइमरी व जूनियर कक्षाओं को संचालित किए जाने की मांग प्रदेश सरकार से किया एवं यह भी कहा कि यदि विद्यालय नहीं खोले जाते तो मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों की संख्या के आधार पर बन्द अवधि की आर्थिक क्षतिपूर्ति प्रदेश सरकार के द्वारा की जाए।
कोषाध्यक्ष शिवेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि वाहनों की बैंक ईएमआई जमा करने की समय सीमा बढ़ाई जाए क्योंकि विद्यालयों के बंद होने के कारण स्कूल वाहनों का प्रयोग नहीं हो पा रहा है। इस मौके पर एसोसिएशन के संरक्षक अनिमेष श्रीवास्तव, , महामंत्री प्रभात सिंह, उपाध्यक्ष अमित श्रीवास्तव, सचिव दीपक यादव, प्रबंधक आलोक श्रीवास्तव,प्रभात चौधरी, संजय जायसवाल,सतीश बाजपाई , नितिन श्रीवास्तव, जाकिर खान, अर्शित श्रीवास्तव सहित अनेकों प्रबंधक उपस्थित रहे।








