राजस्थान के मंत्री पुत्र रोहित जोशी को रेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान के मंत्री महेश जोशी के पुत्र एवं रेप के आरोपित रोहित जोशी को कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच इस मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को करेगी। रोहित जोशी ने एफआईआर निरस्त करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

हालांकि हाई कोर्ट ने रोहित जोशी को अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने की अनुमति दे दी है। रोहित जोशी की ओर से पेश वकील मुकुल माथुर ने जब कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका दायर करने की अनुमति मांगी तो जस्टिस तलवंत सिंह ने कहा कि ये अधिकार आपको पहले से है, आप अग्रिम जमानत याचिका दायर कर सकते हैं।

रोहित ने रेप का आरोप लगाने वाली युवती पर हनी ट्रैप मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। राजस्थान निवासी युवती ने रोहित के मंत्री पुत्र होने की वजह से राजस्थान पुलिस पर भरोसा न जताते हुए दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जयपुर में डेरा डाल दिया था। दिल्ली पुलिस ने एक नोटिस चस्पा कर रोहित जोशी को 18 मई को पेश होने को कहा था लेकिन रोहित जोशी पेश नहीं हुए।

रोहित जोशी ने याचिका में कहा है कि उसकी युवती से फेसबुक के जरिये दोस्ती हुई थी। वे इस दौरान लिव-इन रिलेशनशिप में भी रह रहे थे। याचिका में कहा गया है कि रोहित जोशी ने युवती से सहमति से संबंध बनाए थे। युवती ने रोहित पर अपनी पत्नी को तलाक देने और फरवरी में नोटरी से हलफनामा के जरिये लिव इन में रहने का दबाव बनाया था। याचिका में कहा गया है कि रोहित जोशी ने युवती को महंगे-महंगे गिफ्ट भी दिए थे।

युवती ने दिल्ली में दर्ज एफआईआर में कहा है कि शादी का झांसा देकर रोहित जनवरी 2021 से लेकर अप्रैल 2022 तक उसका शारीरिक शोषण करता रहा। युवती ने रोहित जोशी पर सवाई माधोपुर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जयपुर में अलग-अलग जगहों पर शारीरिक शोषण के आरोप लगाए हैं। युवती ने रोहित जोशी पर अपने पिता की धौंस दिखाकर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने और ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया है।

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