हाथरस के रंग गुलाल की दुनिया भर में धूम

  • शहर में 12 से अधिक छोटे-बड़े कारखाने
  • होली को लेकर भगवा रंग की डिमांड

भास्कर ब्यूरो/संदीप पुण्ढ़ीर
हाथरस। ब्रज की होली और हाथरस के रंग दुनिया भर में मशहूर है। मार्च के महीने में होली है। जिसको लेकर हाथरस के विख्यात रंग-गुलाल उद्योग ने कमर कस ली है। कारखानों में रंग-गुलाल बनाने का काम तेजी से चल रहा है। निर्माताओं का कहना है कि इस बार सबसे ज्यादा मांग भगवा रंग की है। उन्हें इस होली पर गुलाल और रंग की भारी खपत की उम्मीद है।
हाथरस के गुलाल और रंग की मांग दूर-दूर तक है। फिल्मी दुनिया में भी होली पर हाथरस का रंग उड़ता है। अब होली में दो माह से भी कम समय बचा है। ऐसे में यहां रंग और गुलाल के कारखानों में तेजी से काम चल रहा है। बाहर से आर्डर भी आने शुरू हो गए हैं और उसी हिसाब से माल तैयार कराया जा रहा है। वैसे पिछले कई साल से सबसे ज्यादा मांग भगवा गुलाल और रंग की है। इस बार भी कारखानों में भगवा गुलाल और रंग के ही ज्यादा आर्डर आ रहे हैं।
हाथरस शहर में गुलाल और रंग के दर्जन भर से अधिक छोटे-बड़े कारखाने हैं। करीब आठ हजार लोग इस उद्योग से जुड़े हुये हैं। भारी मांग को पूरा करने के लिए कारखानों में दो शिफ्टों में काम चल रहा है। रंग उद्यमी बताते हैं कि स्टार्च अथवा शेलखड़ी में रंग मिलाकर गुलाल तैयार किया जाता है। कच्चा माल दिल्ली, अहमदाबाद, सोनीपत, पानीपत आदि जगहों से आता है। फिर यहां होली खेलने वाले रंग तैयार किए जाते हैं।
रंग कारोबारी बताते हैं कि इस बार गुलाल की मांग ज्यादा है। कोरोना के चलते कारोबार बेपटरी हो गया था। इस बार कारोबार में बूम की उम्मीद है। उम्मीद है कि लोग खुलकर होली खेेलेंगे। इसलिए आर्डर भी सही आ रहे हैं। हाथरस का गुलाल और रंग काफी दूर-दूर तक जाता है। हाथरस के रंग की मांग बॉलीवुड तक रहती है। सबसे ज्यादा डिमांड भगवा रंग के गुलाल की है। अभी तक जो आर्डर मिले हैं, उसमें आधा माल तो भगवा रंग के गुलाल का आया है। आर्डर के हिसाब से माल तैयार कराया जा रहा है।
दो साल से कोरोना था और लोग खुलकर होली नहीं खेल पा रहे थे। इस बार लोग खुलकर होली खेलेंगे। ऐसे में रंग कारोबारियों को कोरोना में हुए घाटे से उबरने की भी उम्मीद है।

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