
अगर लंबी लंबी फेंकने की कला किसी से सीखनी है, तो दिल्ली की वर्तमान सरकार से सीखिए। इन्फ्रस्ट्रक्चर के निर्माण के लंबे चौड़े वादे के दम पर जो केजरीवाल सरकार दोबारा सत्ता में आई, वह दावे सफेद झूठ निकले। केजरीवाल के दावों के ठीक उलट न तो उसके सत्ता में आने के बाद से कोई नया अस्पताल बना है और न ही कोई नया फ्लाईओवर बना है।
No New Hospital or Flyover made in Delhi from 2015-19 as Claimed by Kejriwal govt : Reveals RTI pic.twitter.com/crpYXF3s6h
— Tajinder Bagga (@TajinderBagga) April 3, 2021
सिर्फ एक वर्ष पहले अरविन्द केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार ने 23 से ज्यादा फ्लाईओवर्स का निर्माण किया है। केजरीवाल के बयान के अनुसार, “15 सालों में शीला दीक्षित ने 70 फ्लाईओवर बनाए। हमने साढ़े चार सालों में ही 23 फ्लाईओवर बना डाले। हम काम करते हैं पर उसका प्रचार प्रसार नहीं करते। अब ये लोगों की जिम्मेदारी है कि हमारे काम का प्रचार करे”।
अब बताइए, यहाँ कौन फेंक रहा है? हालांकि, यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली सरकार ऐसे ही लंबे चौड़े वादे करने, पर वास्तव में कुछ भी नहीं करने के लिए जानी जाती है। अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने इससे पहले 2015 के घोषणापत्र में 20 नए सरकारी कॉलेज खोलने और 500 नए स्कूल खोलने की बात की थी। लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही निकलकर सामने आई, 500 तो छोड़िए, 2019 तक केवल एक स्कूल निर्मित हो पाया है, और कॉलेज तो अभी तक बनकर तैयार नहीं हो पाए है।
इसके अलावा अरविन्द केजरीवाल ने CCTV कैमरा को लेकर जो लंबे चौड़े वादे किए थे, वो भी अब तक पूरे नहीं हुए। आम आदमी पार्टी ने हर वर्ष 1000 से अधिक मोहल्ला क्लिनिक स्थापित करने का वादा किया था, लेकिन 1000 प्रतिवर्ष तो छोड़िए, 6 वर्ष में पूरे दिल्ली में 6000 मोहल्ला क्लिनिक भी स्थापित नहीं हुए हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अरविन्द केजरीवाल की सरकार बोलती बहुत है, लेकिन जब करने की बात आती है तो सांप सूंघ जाता है।











