एंटीजन से ज्यादा भरोसेमंद है आरटीपीसीआर टेस्ट


-स्वास्थ्य विभाग ने आरटीपीसीआर टेस्ट पर फिर जताया भरोसा

तावडू़। चायनीज रेपिड टेस्टिंग किट फेल होने के बाद केंद्र ने कोरोना के विरूद्ध जंग में साउथ कोरियन एंटीजन किट को मैदान में उतारा। कोरोना के केसों को ट्रेस करने को लेकर व्यापक पैमाने पर एंटीजन किट से टेस्टिंग हो रही है, लेकिन आरटीपीसीआर टेस्ट पर ही विभाग का अब भी ज्यादा भरोसा है।


विभाग के नए आदेशों को देखकर तो यही लगता है। जिले में जहां पर भी एंटीजन किट से टेस्टिंग हो रही है अब वहां कोरोना के लक्षण (सर्दी, खांसी व जुकाम) दिखने वाले लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट के सेंपल लिए जा रहे हैं। पिछले दिनों भारत ने चीन से साढ़े पांच लाख टेस्ट किट खरीदी थी लेकिन कई राज्यों में नमूनों की जांच संतोषजनक नहीं थी। इसलिए आइसीएमआर ने एंटीबॉडी रैपिड टेस्टिंग किट के परीक्षण पर रोक लगा दी थी।

उसके बाद कोरियन कंपनी की रेपिड डायग्लोस्टिक किट को यूज में लाया गया था जोकि ये भी फेल साबित हुई थी। फिर आइसीएमआर कोरियन कंपनी की आरडी एंटीजन किट को मैदान में लाया। बड़े पैमाने पर टेस्ट होने और तत्काल रिजल्ट आने से संक्रमितों की पहचान होने के साथ ही उन्हें अलग-थलग करना आसान हो जाता है। जो कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है। एंटीेजन किट में सिर्फ नाक से निकलने वाले द्रव्य की जरूरत होती पड़ती है। इसमें यह देखा जाता है कोरोना वायरस में पाए जाने वाले खास प्रोटीन का एंटीजन मौजूद है या नहीं।


सीएमओ नूंह डा. कृष्ण कुमार का कहना है कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण हैं उनकी आरटीपीसीआर टेस्ट से ही जांच होगी। वहीं जो असिंपटोमैटिक हैं उनकी एंटीजन किट से जांच के आदेश किए गए हैं। कई बार एंटीजन किट की टेस्टिंग में सिंपटोमैटिक  व्यक्ति का संक्रमण पकड़ में नहीं आता है। जिसके चलते उक्त आदेश किए गए हैं।


सीएचसी तावड़ू के मेडिकल ऑफिसर डा. देवेंद्र सोलंकी का कहना है कि रविवार को तावडू़ में एंटीजन व आरटीपीसीआर दोनों माध्यमों से टेस्टिंग की गई। 75 लोगों की एंटीजन किट व 50 लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण थे, उनका आरटीपीसीआर टेस्ट किया गया।

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