किसानों के लिए वरदान बनी कृषि विज्ञान केंद्र की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, आप भी लीजिये जानकारी

बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र का ग्रामीण कृषि मौसम सेवा कार्यक्रम किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 2019 से शुरू कीगयी ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के तहत किसानों को मौसम के संबंधित जानकारी एवं फसलों के प्रबंधन की पूर्व जानकारी दी जाती है। मुख्य रूप से आद्रता, हवा की स्थिति, बादल की स्थिति, वर्षा एवं तापमान इत्यादि के साथ मौसम के अनुकूल कार्यप्रणाली से किसानों को अवगत कराया जा रहा है। केंद्र की वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. सुनीता कुशवाहा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट कृषि विज्ञान के द्वारा 2019 से चलाया जा रहा है। इंजीनियर विनीता कश्यप की देखरेख में चल रहेे इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अभी तक किसानों को करीब 30 एडवाइजरी जारी कर मौसम के संबंधित पूर्वानुमान और फसल प्रबंधन के लिए सलाह दी जा चुकी है।

इसके अंतर्गत आगामी पांच दिनों के मौसम की पूर्व सूचना किसानों को प्रदान की जाती है। इसमें मुख्य रूप से आद्रता, हवा, बादल, वर्षा एवं तापमान इत्यादि से किसानों को अवगत कराया जा रहा है। कोरोना के कारण लॉकडाउन के समय में किसानों को इसके माध्यम से काफी फायदा हुआ है। प्रोजेक्ट को देखने वाली वैज्ञानिक विनीता नेे फोन के माध्यम से लॉकडाउन की स्थिति में किसानों से इस बात का फीडबैक प्राप्त किया और बताया कि एडवाइजरी उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है। शादीपुर बलिया के किसान सुधांशु ने बताया कि इस पूर्वानुमानित एडवाइजरी के आ जाने से किसान अपनी फसलों को उसी के अनुसार सुरक्षित कर लेते हैं।

रामपुर के किसान रामजीवन पंडित ने बताया कि उन्होंने करीब एक बीघा खेत में गेहूं की फसल लगायी थी और ग्रामीण मौसम सेवा के अंतर्गत चलाए जा रहे व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से उन्हें वर्षा का पूर्वानुमान प्राप्त हुआ, तो उन्होंने समय से अपने गेहूं की फसल की कटाई की और उसका भंडारण कर सुरक्षित कर लिया। केंद्र ने 25 से लेकर 29 तारीख के बीच के मौसम के पूर्वानुमान की एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यह स्पष्ट रूप से अंकित है कि 28 से 29 तारीख तक अधिक वर्षा की संभावना है। इसमें 29 तारीख को काफी अधिक वर्षा लगभग सभी प्रखंडों में होने की संभावना है। अभी तक ग्रामीण मौसम सेवा के माध्यम से जिले के सैकड़ों किसान लाभान्वित हो चुके हैं। समय-समय पर विभिन्न संचार और समाचार माध्यम से मौसम के पूर्वानुमान की सूचना केंद्र से प्रकाशित की जाती रही है, जिसका सीधा लाभ किसानों को प्राप्त होता है।

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