भारत दौरे पर रूसी विदेश मंत्री : सर्गेई लावरोव ने की भारत की तारीफे, बोले- पुतिन ने मोदी को ‘थैंक यू’ भेजा

यूक्रेन जंग के बीच भारत दौरे पर पहुंचे रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आज नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि हमारे राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए थैंक्यू भेजा हैं। भारत और रूस लंबे वक्त से डिफेंस पार्टनरशिप डेवलप करते रहे हैं। हम दोनों ही विश्व व्यवस्था में संतुलन बनाए रखना चाहते हैं।

लावरोव ने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की तारीफे

लावरोव ने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत बिना किसी दबाव में आए सूझबूझ के साथ आगे बढ़ रहा है। मेरा मानना ​​है कि भारतीय विदेश नीति की खासियत बिना किसी दबाव में आए अपने राष्ट्रीय हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में इसी तरह की नीति है, यह हमें बड़ा देश बनाती है और यही हमें अच्छा और वफादार दोस्त और भागीदार बनाती है।

रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा…

रूसी विदेश मंत्री ने आगे कहा- भारत हमसे जो भी सामना खरीदना चाहता है हम उसकी आपूर्ति के लिए तैयार है। रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं।

यूक्रेन में युद्ध नहीं, एक स्पेशल ऑपरेशन चल रहा है

यूक्रेन युद्ध को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि, आप इसे युद्ध कह रहे हैं जो कि सच नहीं है। यह एक स्पेशल ऑपरेशन है, जिसमें यूक्रेनी आर्मी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा सिर्फ इतना मकसद है कि आने वाले वक्त में कीव की सरकार रूस के लिए कोई खतरा न बन पाए।

कोई दबाव हमारी पार्टनरशिप को प्रभावित नहीं कर पाएगा

क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कोई दबाव हमारी पार्टनरशिप को प्रभावित नहीं कर पाएगा। वे (अमेरिका) दूसरे देशों को अपनी पॉलिटिक्स फॉलो करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

यूक्रेन युद्ध में रोल निभा सकता है भारत

भारत रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्थ बन सकता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण देश है। अगर भारत ऐसी भूमिका निभा सकता है जिसमें वो तार्किक रहते हुए अंतरराष्ट्रीय मसलों को सुलझाने के सुझाव दे सके तो हमें भारत की यह भूमिका मंजूर होगी।

लावरोव की तीसरी विदेश यात्रा

24 फरवरी को यूक्रेन पर हुए रूसी हमले के बाद लावरोव की यह तीसरी विदेश यात्रा है। इससे पहले लावारोव ​​​​​​मार्च की शुरुआत में अपने यूक्रेनी समकक्ष से बातचीत के लिए तुर्की और चीन जा चुके हैं।

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