
– कैलाश मुक्ति महा संकल्प यात्रा शुरू करेगा बीटीएसएस
– इच्छुक मुस्लिम व ईसाई युवतियों का विवाह सनातनियों से करा के राष्ट्र भक्तों की संख्या बढ़ाएगा संघ
– दो दिवसीय राष्ट्रीय कोर परिषद बैठक जप 2023 में होंगे महत्वपूर्ण निर्णय
मैहर (जिला सतना)। भारत तिब्बत समन्वय संघ अर्थात बीटीएसएस की राष्ट्रीय कोर परिषद की दो दिवसीय बैठक 7 व 8 अप्रैल को यहां आयोजित होने जा रही है। इसमें देश भर से लगभग 40 महत्वपूर्ण प्रतिनिधि संघ की पिछली गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और आगामी कार्यक्रमों की रचना। संघ की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री राजो मालवीय ने पत्रकारों को बताया कि वर्ष में दो बार होने वाली राष्ट्रीय कोर परिषद की यह पूर्वार्द्ध बैठक है, जिसे जप:2023 नाम दिया गया है। वर्ष में सितंबर-अक्टूबर के दौरान होने वाली ऐसी ही उत्तरार्द्ध बैठक को तप:2023 का नाम दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष में दो राष्ट्रीय अधिवेशन होते हैं। मई-जून में होने वाले अधिवेशन को चिंतन और नवंबर दिसंबर में होने वाले अधिवेशन को मंथन कहा जाता है। गत वर्ष तप बैठक दिल्ली में, चिंतन बैठक वृंदावन (मथुरा) में और मंथन बैठक रांची में हुई। मैहर शक्तिपीठ में होने वाली यह बैठक जप: 2023 कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष चिंतन बैठक के पहले देश भर के कार्यकर्ताओं और जनसामान्य के लिए दिए जाने वाले लक्ष्य आधारित कार्यों की रचना इसमें होगी।
संघ इस मंतव्य के साथ कार्य कर रहा है कि वर्तमान सरकार राष्ट्र चिंतक व धर्म-हित चिंतक है लेकिन कई स्तरों पर समाज को खड़ा करना आवश्यक हो गया है। सरकार का वास्तविक बल समाज है और समाज के प्रभाव बल व दबाव बल से भी कई बार सरकारें काम कर पाती हैं इसलिए देश रक्षा के लिए अपरिहार्य है कि हम चीन के विरुद्ध उठ खड़े हों। इसके लिए भारत तिब्बत समन्वय संघ किसी भी स्तर तक जाएगा। तिब्बत की स्वतंत्रता दुनिया की शांति व स्थिरता के लिए अब अनिवार्य शर्त है क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी देश बन चुका है। 1959 में तिब्बत हड़पने के बाद उसने हम पर 1962 में हमला बोल दिया जबकि उस समय की देश की सरकार हिंदी चीनी भाई भाई का गाना गा रही थी। 1962 में चीन ने हमारे अक्साई चिन को हड़पने के साथ पूरे भारत के विभिन्न भागों पर कुल 40 हजार वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल हड़प लिया। जिसे आज भी हम छुड़वा नहीं पाए हैं। इन्हीं सब विषयों पर पहले संघ ने 10 प्रस्ताव वर्ष 2021 में और 10 प्रस्ताव वर्ष 2022 में पारित करके प्रभावी कार्य किए हैं। पारित प्रस्तावों को लेकर संघ राष्ट्रपति जी से, कई प्रदेशों के राज्यपालों से, कई मुख्यमंत्रियों से, विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से, असंख्य सांसदों व विधायकों से भेंट कर ज्ञापन देता आया है लेकिन चीन की जड़ता व दुष्टता डोकलाम, गलवान, पेगांग, तवांग तक से आगे बढ़ चुकी है।
अब वह भारतीय शहरों, गांवों व स्थानों के नाम बदल रहा है। इसका मुंहतोड़ जवाब समाज को देना होगा। इसके लिए, 2 दिनों तक बैठक कर निर्णय लिया जाना है। राष्ट्रीय महामंत्री विजय मान ने बताया कि जप:2023 बैठक में आने वाले प्रस्ताव निम्नवत हैं: 1. देश में इस वर्ष लगभग हजारों अन्य सामाजिक संगठनों से लिखित में एक्सप्रेशन ऑफ सपोर्ट डॉक्यूमेंट लेकर समर्थन प्राप्त कर बीटीएसएस के कार्य को विस्तार देना है। 2. चीन से व्यापार का प्यार अब पूर्णरूपेण खत्म होना चाहिए। मुक्त व्यापार की शर्तें इसके साथ लागू नहीं हो सकती, इसके लिए हमें सरकार से प्रभावी बात करनी होगी और अब यह भी तय करना होगा कि जी-20 से क्यों न चीन को बाहर किया जाए। 3. भगवान शंकर का मूल स्थान कैलाश मानसरोवर 1959 से चीन के कब्जे में है। पिछले 4 वर्षों से वह भारत सरकार को भारतीय तीर्थ यात्रियों को वहां जाने की अनुमति तक नहीं दे रहा इसलिए अब समग्र सनातनी समाज को जगाने के लिए कैलाश मानसरोवर मुक्ति महासंकल्प यात्रा देश भर में शीघ्र ही प्रारंभ की जाएगी। 4. संघ में मूल कार्यकारिणी के साथ महिला, युवा व बाल विभाग हैं और कुल 21 प्रभाग हैं। जिसमें इस बार कार्यकारिणी का काल निर्धारित किए जाने का प्रस्ताव आना है ताकि कर्मठ व अच्छा कार्य करने वाले लोगों के द्वारा ही संगठन चले, ऐसा निर्णय होना है। इसी प्रकार, तिब्बत की स्वतंत्रता व कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के लिए दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहे इस संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर दायित्वों की संख्या बढ़ाने का भी निर्णय होना है
इस क्रम में कुछ महत्वपूर्ण दायित्व परिवर्तन भी होने हैं। शास्त्रों में वर्णित त्रिविस्टप अर्थात स्वर्ग भूमि अर्थात आज का तिब्बत, सनातनियो की आस्था का केंद्र है। रज्जू भैया का यह कथन कि तिब्बत को चीन से मुक्त कराने के लिए सनातनी समाज को ही लगना होगा। इसलिए भारत तिब्बत समन्वय संघ सनातनी समाज को और भी शक्तिशाली और सामर्थ्यवान बनाने के लिए देश के अंदर चल रहे ईसाई मिशनरियों व मुस्लिम जिहादियों के कुचक्र को तोड़ने की दिशा में कार्य करके हिंदू मूल के लोगों को वापस घर में लाने के कार्य में भी अब लगेगा। गृह प्रत्यावर्तन प्रभाग का प्रस्ताव आना है। जिसके माध्यम से लव जेहाद की शिकार हुई हिंदू बालिकाओं को वापस सनातनी हिंदू धर्म में लाना होगा मुस्लिम लड़कियों व युवतियों को भी सुयोग्य हिंदू वर उपलब्ध कराना व उन्हें सुरक्षा देने का कार्य भी प्रारंभ करेगा
। जब सनातनी हिंदू ही चीन से लड़कर तिब्बत को स्वतंत्र करा सकते हैं तो फिर हमें हिंदुओं को पहले सबल करना होगा। सनातनी हिंदुओं की परिभाषा में सहजधारी हिंदू, केश धारी हिंदू अर्थात सिख, विष्णु रूप भगवान बुद्ध उपासक बौद्ध, क्षत्रिय मूल भगवान महावीर उपासक जैन समाज भी इसी के अंतर्गत है। इसी प्रकार, कुछ अन्य प्रभागों की रचना का प्रस्ताव भी आ सकता है। 5. दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी देश चीन, दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी यानी सीसीपी और दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी शी जिनपिंग है, इसको घोषित करने का प्रस्ताव भी आएगा। साथ ही, उक्त देश, उक्त संगठन और उक्त व्यक्ति के विरुद्ध किसी भी स्तर तक जाने के लिए जत्था व सेना तैयार करने पर भी विचार कर रही है। इसके लिए भी प्रस्ताव आ सकता है। उपरोक्त महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय इस जप: 2023 में होना है। संघ के प्रमुख लोगों में पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारीगण, शिक्षामित्रगण, सामाजिक संतगण, व्यवसायीगण, राजनीतिक जन, पत्रकारगण, अधिवक्तागण आदि समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोग हैं।
मैहर में शक्तिपीठ मां शारदा की आराधना जप करके उनके आंचल से आशीर्वाद प्राप्त कर भगवान शंकर के मूल स्थान व भगवान बुद्ध के कृपा स्थान तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए बौद्धिक, वैचारिक और रणनीतिक ऊर्जा इन दो दिनों में प्राप्त की जाएगी, जिसका विस्तार आगामी समय में इस पूरे देश में देखने को मिलेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (महिला विभाग) श्रीमती कालसंग युदून, राष्ट्रीय मंत्री प्रकाश रत्नपारखी, क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ भगीरथ कुमरावत, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष राजेश जायसवाल, क्षेत्रीय महामंत्री बसंत जायसवाल, प्रांत अध्यक्ष (छत्तीसगढ़) कौंतेय जी भी उपस्थित रहे।















