मास्क बनाने के लिए खादी कपड़े की कीमत को लेकर फंसा पेंच, जानिए क्या है मामला

बाराबंकी । कोरोना संक्रमण को हराने के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है। सरकार ने यह फैसला लिया कि इस संक्रमण से बचाव के लिए खादी कपड़े का मास्क बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 66 करोड़ ट्रिपल लेयर वाले विशेष खादी के मास्क बनाने के आदेश भी दे दिए। लेकिन जिन्हें इस मास्क के लिए कपड़े देने की जिम्मेदारी मिली है, वह यह कपड़ा सरकार के द्वारा तय रेट पर देने को कतई तैयार नहीं।

उनका कहना है कि मास्क के लिए सरकार जिस रेट पर कपड़ा हमसे चाह रही है, हम उतने में नहीं दे पाएंगे। क्योंकि उसमें हमारी लागत भी नहीं निकल रही, जिससे उनका काफी नुकसान हो रहा है।

गांधी आश्रम के मंत्री रविकांत पांडेय ने बताया कि हमें बाराबंकी और सुल्तानपुर के लिए आर्डर मिला है। हमें इन दो जिलों में मास्क बनाने के लिए कपड़ा देना है। लेकिन सरकार ने इसके लिए 65 रुपये का रेट तय किया जो बहुत कम है। हालांकि सरकार और हमारे बोर्ड के बीच रेट के लेकर बात चल रही है। जिसके बाद 84 रुपये से 102 रुपये मीटर के रेट में कपड़ा देने को लेकर बात चल रही है। उनका कहना है कि अगर सरकार 102 रुपये में कपड़ा लेने को तैयार हो जाती है तो हम दे देंगे। हालांकि 102 रुपये के रेट में भी कपड़ा देने पर भी हमारा नुकसान है। फिर भी इस आपदा में गांधी आश्रम इतना नुकसान सहने के लिए तैयार है। लेकिन 65 रुपये कपड़ा देने में हमारा काफी नुकसान होगा, जो हम लोग सहने की हालत में नहीं हैं।

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