
संतोष यादव प्रयागराज। केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की लिखित परीक्षा में पकड़े गए सॉल्वर गैंग का कई जिले से कनेक्शन है। सरगना के संपर्क में कई सरकारी और प्राइवेट स्कूल के शिक्षक थे। इसकी जानकारी होने पर स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने छानबीन तेज कर दी है। साथ ही फरार शिक्षक समेत अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
सभी के बारे में जानकारी जुटा रही एसटीएफ
एसटीएफ का कहना है कि गैंग का सरगना प्रशांत सिंह मऊ जिले के रानीपुर गांव का रहने वाला है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हालैंड हॉल हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करता था। राजकीय इंटर कॉलेज अमरोहा में बतौर अध्यापक की नौकरी पाने के बाद वह यहां से चला गया। इसके बाद जार्जटाउन के दरभंगा कॉलोनी स्थित जनहित कुंज अपार्टमेंट में किराए का फ्लैट लेकर रहने लगा। गिरफ्तारी के दौरान उसने पूछताछ में अपना पता मऊ के चिरैया गांव में बताया था, लेकिन सही गांव रानीपुर है। शिक्षक ही मुहैया कराते थे कैंडीडेट
अभी तक की छानबीन में पता चला है कि पूरामुफ्ती कौशांबी निवासी शिक्षक धर्मेद्र सिंह और प्रशांत का प्रयागराज समेत गोरखपुर, लखनऊ, बाराबंकी, फतेहपुर और हरिद्वार समेत कई शहरों में नेटवर्क है। अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट स्कूल के शिक्षक उसे कंडीडेट मुहैय्या कराते थे। अब इसकी पुष्टि अभियुक्तों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट से की जाएगी। इसके लिए सीडीआर निकलवाई जा रही है। रविवार को एसटीएफ ने गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए शिक्षक, इंजीनियर समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
सरगना शिक्षकों पर भी फर्जीवाड़े का शक
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि सरकारी स्कूल में शिक्षक रहते हुए जिस तरह प्रशांत और धर्मेंद्र ने पैसा कमाने के लिए गलत रास्ता चुना था, उससे शक है कि कहीं इन्होंने अपनी नौकरी के लिए भी तो फर्जीवाड़ा नहीं किया था। इस एंगल पर भी एसटीएफ तफ्तीश कर रही है। शिक्षाधिकारियों को पत्र भेजने के साथ ही उनकी नियुक्ति समेत कई अन्य जानकारी मांगी गई है।








