सोनभद्र हत्याकांड: पीड़ित परिवारों से मिले सीएम, राहतों का खोल दिया पिटारा

सोनभद्र ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचे और हत्याकांड में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद योगी ने कहा कि यह पाप कांग्रेस के समय में ही किया गया था। इस मामले की जांच में पूरी तरह से पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया गया है। दस दिन के भीतर रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद सब कुछ साफ हो जाएगा। इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उम्भा में पहुंचे सीएम ने पीड़ित परिवारों को राहत देने के लिए यूपी सरकार का खजाना खोल दिया।

सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर करीब 12 बजे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव के साथ उभ्भा गांव के कार्यक्रम स्थल प्राथमिक विद्यालय पहुंचे और 12 बजकर 23 मिनट पर पीड़ितों के परिजनों से मिले। इस दौरान उन्होंने मृतक सुखवंती की आश्रित पूनम को चेक दिया। साथ ही 21 घायलों के परिजनों को 50-50 हजार का चेक दिया। करीब दो बजे उन्होंने जिला अस्पताल जाकर घायलों और परिजनों से मुलाकात की।पीड़ितों ने कहा कि प्रधान पक्ष के लोग बच्चों को तालाब में फेंकने की धमकी देते हैं। पीड़ितों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से शिकायत की कि बच्चे जब मूर्तियां गांव में पढ़ने जाते हैं, वहां प्रधान पक्ष के लोग तालाब में फेंकने की धमकी देते हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने वहां पुलिस चौकी खोलने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की हर संभव मदद करना सरकार की प्राथमिकता है।

मृतकों के परिजनों को मिलेंगे साढ़े अट्ठारह लाख

सीएम ने कहा कि जो जहां पर खेत जोत रहा है, वहां वह जोतता रहेगा। इसके साथ ही मृतकों के खाते में चार लाख 12 हजार पांच सौ की राशि समाज कल्याण विभाग की ओर से भेजी गई है, जो सोमवार को खाते में पहुंच जाएगी। सीएम ने कहा कि सहायता राशि में बढाकर साढ़े 18 लाख कर दी जाएगी। इसी तरह घायलों की राशि बढ़ा कर ढाई लाख कर दी गई है, जो अलग-अलग किस्तों में दी जाएगी। साथ ही पीड़ित वनवासियों को कॉलोनी बनाकर एक-एक आवास दिया जाएगा।

गांव में खुलेगा आवासीय विद्यालय

सीएम ने गांव में पहुंचकर बिजली कनेक्शन, सोलर लाइट, आंगनबाड़ी केंद्र, घोरावल में फायर ब्रिगेड की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही गांव में जूनियर हाईस्कूल और आवासीय विद्यालय और आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे और सरकार घायलों के इलाज का सारा खर्च उठाएगी। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा किया गया। फिर इसे पब्लिक ट्रस्ट को सौंप दी गई है। सोनभद्र हत्याकांड के नाम पर कुछ लोग घड़ियाली आंसू बहाकर अपने कुकर्मों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह ज्यादा दिन तक छिपेगा नहीं। जांच के बाद हर सच्चाई सामने आ जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सोनभद्र हत्याकांड के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। योगी ने कहा था कि इस घटना की नींव 1955 में ही पड़ गई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी। सोनभद्र के विवाद के लिए कांग्रेस सरकार दोषी है।

डीजीपी कर रहे मामले की निगरानी

योगी ने कहा कि मैंने खुद डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे व्यक्तिगत तौर पर मामले की निगरानी करें। वारदात के बाद एसडीएम, सीओ, एसओ सहित हल्का और बीट के सभी सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। साथ ही इस जमीनी विवाद की जांच अपर मुख्य सचिव राजस्व को सौंप दी गई है। योगी ने कहा है कि 1952 से लेकर अब तक के घटनाक्रम की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी सहित 27 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीएम ने कहा कि जांच के बाद चाहे जो भी दोषी हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक दलों के कई नेताओं को ले लिया गया था हिरासत में 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे की खबर सुनते ही शनिवार से ही प्रशासन सतर्क हो गया था। इस दौरान कोई व्यवधान डालने की कोशिश न करे, इसके लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस लगा दी गयी थी। कई राजनीतिक दलों के नेताओं को भी हिरासत में लेकर उन्हें शहर से बाहर के थानों में रखा गया। जिला अस्पताल में भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात हैं। सीएम के आने का विरोध कर रहे राबर्ट्सगंज में सपा के पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

प्रियंका के पहुंचने के बाद ज्यादा गरमा गया मुद्दा
19 जुलाई को वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंच कर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोनभद्र हत्याकांड में घायलों का हाल जाना। इसके बाद सोनभद्र के उभ्भा गांव में खूनी संघर्ष में मारे गए आदिवासियों के परिजनों से मुलाकात करने जाने लगीं। इस पर दिन में 11.55 बजे मिर्जापुर की रायनपुर पुलिस चौकी के सामने प्रियंका गांधी को हिरासत में लेने के बाद मुद्दा ज्यादा गर्मा गया था। शनिवार को प्रशासन ने उनसे पीड़ित परिवारों से प्रशासन ने मिलवाया, इसके बाद वे लौटी थीं।

17 जुलाई को हुआ था हत्याकांड
सोनभद्र के घोरावल थानाक्षेत्र के मूर्तिया (उभ्भा) गांव में 17 जुलाई को दोपहर में सौ बीघा विवादित जमीन को लेकर गुर्जर और गोड़ बिरादरी में खूनी संघर्ष हो गया। इस दौरान फायरिंग के साथ जमकर लाठी-डंडे और फावड़े भी चले थे। इसमें 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 लोग घायल हो गए थे। जिसके बाद जिले में धारा 144 लागू कर दी गई।

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