
भास्कर ब्यूरो वाराणसी। पिछले 11 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर कृषि बिल का विरोध कर रहे किसान संगठन और सरकार के बीच बातचीत से अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है। सरकार और किसानों के बीच चल रही इस तनातनी का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। किसानों के इस आंदोलन में उनका साथ देने के लिए सभी विपक्षी राजनैतिक पार्टियां भी आगे आ रही हैं। सोमवार को किसान विरोधी बिल के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने पूरे उत्तर प्रदेश में किसान यात्रा निकाली। इसी क्रम में महानगर के कार्यकर्ताओं ने भी आशापुर चैराहे पर मौजूद भारी पुलिस बल के रोक के बावजूद किसान यात्रा निकाली। मौजूद नेता और कार्यकर्ताओं ने किसान विरोधी यह सरकार नही चलेगी चलेगी, किसान विरोधी बिल वापस लो इत्यादि नारे लगाते हुए केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ किए जा रहे सौतेले व्यवहार की निंदा की।
यात्रा के बाद हुई सभा मे वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि किसान विरोधी यह बिल जब तक वापस नही होगा तब तक हम समाजवादी आंदोलन करते रहेंगे। जब हमारा अन्न दाता ही सुरक्षित नही रहेगा तो देश कैसे सुरक्षित रहेगा। किसान, जवान, नौजवान सभी परेशान हैं। इस सरकार के नीतियों ने सबको रुलाने का काम किया है। किसानों के फसल का उचित मूल्य देने की जगह कॉरपोरेट घरानों के लिए यह सरकार काम कर रही है। किसानों पर पानी की बौछार करने से मनोबल नही टूटेगा। 8 दिसंबर को भारत बंद को हम समाजवादियों का पूरा समर्थन है। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित पार्टी के विधायकों को नजरबंद कर गिरफ्तार किये जाने से यह समझ आ गया कि केंद्र और प्रदेश की सरकार समाजवादियों से डरी हुई है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में समाजवादियों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा 30 समाजवादियों को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेजा गया। प्रदर्शन व गिरफ्तारी में प्रमुख रूप से महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, डॉ0 ओपी सिंह, पूर्व पार्षद वरुण सिंह, युवजनसभा महानगर अध्यक्ष सत्यप्रकाश सोनकर सोनू, लोहिया वाहिनी के दीपचन्द गुप्ता, हारून अंसारी, विधानसभा अध्यक्ष अजय चैधरी, रवि प्रकाश यदुवंशी, संजय यादव, सौरभ यादव बेटू, लव सोनकर, जियालाल राजभर, सतीश पाल, इरशाद अहमद, होरी लाल गुप्ता, वली मोहम्मद, विजय टाटा, अजफर गुड्डू मास्टर इत्यदि लोग शामिल रहे।










