ब्रह्मा जी का पांचवा सिर काटा था काल भैरव ने, लेकिन क्यों जानें यहां
मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी को शिव की क्रोधाग्नि का विग्रह रूप कहे जाने वाले कालभैरव का अवतरण हुआ था। कालभैरव की पूजा करने से डर का नाश होता हैं। इनकी पूजा से घर में नकारत्मक ऊर्जा, जादू-टोने, भूत-प्रेत आदि का भय नहीं रहता। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे काल भैरव कि उत्पत्ति हुई … Read more








