
केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर
वर्ष 2016 की बोर्ड परीक्षा में ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है यह स्कूल
थरवई /प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की एक परीक्षा की ओएमआर शीट बदले जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रकरण में आयोग की तरफ से सिविल लाइंस थाने में परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया है। आयोग का कहना है कि वह केवल परीक्षा करवाता है, जबकि परीक्षा केंद्र बनाए जाने और उसकी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन के हवाले रहती है। जिस विद्यालय में ओएमआर शीट बदले जाने की बात सामने आई, उसी विद्यालय को जिला विद्यालय निरीक्षक ने वर्ष 2016 बोर्ड परीक्षा के दौरान ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था, ऐसे में सवाल यह है कि जब उक्त विद्यालय पहले से ही दागी था, तो फिर आयोग जैसी महत्वपूर्ण संस्था की परीक्षा के लिए दागी स्कूल का चयन क्यों किया गया।
गौरतलब है कि यूपीपीएससी की सहायक अभियंता पद के लिए परीक्षा बीते वर्ष दिसंबर माह में करवाई गई थी। इस परीक्षा के लिए गंगापार के थरवई एरिया में स्थित बाबू जेआरडी पाल इंटर कालेज को केंद्र बनाया गया था। परीक्षा के उपरांत परीक्षार्थियों द्वारा जमा की गई ओएमआर शीट आयोग को भेज दी गई।
इधर, जब ओएमआर शीट की जांच होने लगी तो एक शीट गायब मिली। जबकि एक अभ्यर्थी की ओएमआर शीट बदली हुई पाई गई। फर्जीवाड़ा समझ में आने पर पूरे मामले की गहनता से जांच करवाई गई, जिमसें कुल चार ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आया है। इस पर यूपीपीएससी के उपसचिव ने केंद्र व्यवस्थापक सतेंद्र चौधरी, प्रिंसिपल, कक्ष निरीक्षक के खिलाफ फर्जीवाड़ा और ओएमआर शीट चुराए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है।
ब्लैकलिस्टेड कालेज पर ही इतनी मेहरबानी क्यों
गौरतलब है कि सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2018 और सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2018 की परीक्षा के लिए भी गंगापार के थरवई एरिया में स्थित बाबू जेआरडी पाल इंटर कालेज को केंद्र बनाया गया था। उस समय भी दागी विद्यालय को आयोग की परीक्षाओं का सेंटर बनाए जाने पर सवाल उठा था। हालांकि उस समय आयोग ने स्पष्ट किया था कि वह स्वयं से कोई परीक्षा केंद्र नहीं बनाते हैं। जिला प्रशासन और डीआईओएस जिन स्कूलों की सूची भेजते हैं, उन्ही पर वह लोग परीक्षा करवाते हैं। परीक्षा केंद्र बनाने और परीक्षा के खत्म होने तक हर प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी प्रशासन की ही होती है।










