नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में आतंकियों से भारतीय सेना सही से निपट रही है और तमाम नामी गिरामी आतंकियों को मौत की नींद सुला चुकी है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है।
मुनवार्ड इलाके में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया जिसमें हिज्बुल का टॉप कमांडर अल्ताफ अहमद डार और उमर राशिद वानी शामिल हैं। बताया जाता है कि साल 2018 में भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ ने तमाम मोस्ट वांटेड आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया है।
मारे गए आतंकियों की पहचान शीर्ष हिज्बुल कमांडर अल्ताफ अहमद डार उर्फ अल्ताफ कचरू व उसके सहयोगी उमर राशिद के रूप में हुई। अल्ताफ अहमद डार उर्फ कचरू बुरहान वानी का करीबी भी था।
बुरहान की मौत के बाद कचरू को उसके उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। हिज्बुल मुजाहिद्दीन का ये आतंकी कुलगाम में डिस्ट्रिक्ट कमांडर के रूप में कई वर्षों से सुरक्षा बलों को निशाना बना रहा था। वह कई कश्मीरी युवाओं की मुजाहिद्दीन में भर्ती कराने में भी सक्रिय था।
कचरू को 2017 में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के नए कश्मीर ऑपरेशनल चीफ और कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ने कचरू और कासिम को ए++ कैटिगरी के आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद ने बताया कि मारे गए दोनों आतंकियों के शवों के साथ दो हथियार भी बरामद किए गए हैं।
टॉप आतंकियों को मार गिराने का सिलसिला नए साल में भी जारी रहेगा। इसके लिए सुरक्षा बलों ने स्थानीय पुलिस की मदद से तकरीबन एक दर्जन खूंखार आतंकियों की लिस्ट तैयार की है।
गजवत उल हिंद चीफ जाकिर मूसा, हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर सद्दाम पाडर, लश्कर-ए-तैयबा कमांडर जीनत उल इस्लाम, हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर रियाज नैकू, हिजबुल के समीर टाइगर को सेना ने इसी साल मार गिराया है।
साल 2019 तक इनका सफाया करने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। पुलिस, सीआरपीएफ और सेना मिलकर इनका सफाया करने के लिए तैयार है।
जब किसी आतंकी को A++ कैटिगरी में रखा जाता है और उस पर 12 लाख रुपये का इनाम रखा जाता है।