आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत जनपद को मिला प्रदेश में दूसरा स्थान : बीएसए


मैनपुरी – जिला बेसिक शिक्षाधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत जनपद की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है, जनपद को प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होने बताया कि शासन द्वारा प्रदेश के समस्त परीषदीय विद्यालयों को आईवीआरएस काॅल्स के माध्यम से आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत अवस्थापना सुधार सम्बन्धी कार्यों की जानकारी प्राप्त की गयी, साथ ही विद्यालयों से फीडबैक लिया गया, फीडबैक के आधार पर शासन द्वारा लगभग 70 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों में आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत अवस्थापना सुधार सम्बन्धी कार्यों को पाये जाने पर प्रशंसा की है।


            उन्होने बताया कि शासन द्वारा आईवीआरएस टैब के माध्यम से विद्यालयों में कार्य प्रारम्भ नहीं होने से सम्बन्धित मूल कारणों, ग्राम प्रधानों, सचिवों का सहयोग प्राप्त न होना, धनराशि की अनुपलब्धता, नगरीय क्षेत्र में कार्यदायी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त न होना एवं खंड शिक्षाधिकारी का सहयोग प्राप्त न होने की भी जानकारी शासन द्वारा की गयी। उन्होने बताया कि ग्राम पंचायतों में मौजूद राज्य वित्त की धनराशि को वरीयता के आधार पर अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण, विकास हेतु व्यय किया जा रहा है साथ ही अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु ग्राम निधि के अतिरिक्त जिला खनिज निधि, अवस्थापना विकास निधि, नगरीय क्षेत्र में मौजूद विभिन्न निधियों के माध्यम से वित्त पोषण कराया गया है। उन्होने बताया कि विद्यालयों में शुद्ध पेयजल, बालक-बालिका शौचालय, शौचालयों में टाइल्स, जल की आपूर्ति, मल्टीपल हैण्ड वासिग यूनिट, कक्षों में टाइल्स, रंगाई-पुताई, हल्की मरम्मत, दिव्यांग सुलभ शौचालयों की स्थापना आदि कार्य सहित निर्धारत सभी 14 पैरामीटरों पर कार्य किया गया है। उन्होने बताया कि विद्यालयों में कम्पोजिट ग्रान्ट में उपलब्ध धनराशि को वरीयता के आधार पर मल्टीपल हैण्डवांशिंग, रनिंग वाटर तथा शौचालयों में पानी की व्यवस्था एवं विद्युतीकरण आदि की व्यवस्था करायी गयी है।


          उन्होने बताया कि शासन द्वारा जनपद के 1330 विद्यालयों से आईवीआरएस के माध्यम से फीडबैक लिया गया, प्राप्त फीडबैक के आधार पर 81.35 प्रतिशत विद्यालयों में आॅपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत अवस्थापना सुधार सम्बन्धी कार्य गतिमान पाये गये, 166 विद्यालयों में ग्राम प्रधान, सचिवों द्वारा सहयोग नहीं किया गया, 44 विद्यालयों में धनराशि उपलब्ध नहीं पायी गयी साथ ही 1043 विद्यालयों द्वारा 78.42 प्रतिशत कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट की धनराशि का उपयोग किया गया है।

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