सात नवजात बच्चों की कातिल निकली नर्स, कोर्ट सुनाएगा जल्द सजा

ब्रिटेन में भारतीय मूल के डॉक्टर ने दावा किया है कि जब उसने नवजात बच्चों को जान से मारने वाली नर्स लूसी लेटबी के बारे में जानकारी दी तो अस्पताल ने उससे माफी मंगवाई थी। ITV न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. रवि जयराम काउंटेस के चेस्टर अस्पताल में काम करते थे। जहां से एक नर्स के सात नवजात बच्चों को मारने का मामला सामने आया है। डॉक्टर जयराम उन लोगों में शामिल हैं जिनकी मदद से ब्रिटिश अदालत ने शुक्रवार को एक नर्स को सात नवजात बच्चों की हत्या का दोषी ठहराया। सोमवार को उसे सजा सुनाई जाएगी। जयराम ने फैसले के बाद आईटीवी न्यूज से एक इंटरव्यू में कहा- मैं मानता हूं कि समय पर कार्रवाई की गई होती तो चार या पांच बच्चे आज जिंदा होते और स्कूल जा रहे होते।

चेतावनी देने वाले डॉक्टर्स को मिली धमकी

अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेशन के साथ हुई एक बैठक का हवाला देते हुए ITV ने बताया है कि डॉक्टर्स को लूसी से माफी मंगवाई गई। अस्पताल के चीफ एग्जीक्यूटिव टोनी चेंबर्स ने 2017 में कहा था- अगर इस मामले में किसी ने उनकी बातें नहीं मानीं तो नतीजा भुगतना होगा। वहीं जब डॉक्टर्स ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को देने को कहा तो उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। पुलिस को पहला बच्चा मरने के 2 साल बाद इसकी जानकारी दी गई।

जानिए क्या है पूरा मामला

शुक्रवार को ब्रिटेन की एक नर्स को 7 नवजात बच्चों की हत्या करने और 6 बच्चों की हत्या करने की कोशिश करने का दोषी पाया गया है। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने शुक्रवार को कहा कि नर्स को सोमवार (21 अगस्त) को मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी।

दोषी पाई गई नर्स लूसी लेटबी 33 साल की है। उस पर पिछले साल अक्टूबर से मुकदमा चल रहा है। उस पर जिन बच्चों की हत्या का जुर्म साबित हुआ है, उनमें अधिकतर या तो बीमार थे या समय से पहले पैदा हुए थे। ये हत्याएं उसने जून 2015 से जून 2016 के बीच उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड के काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में की थी। इस मामले में नर्स को जुलाई 2018 से नवंबर 2020 के बीच तीन बार गिरफ्तार किया गया था। बीच में उसे दो बार छोड़ा भी गया था। नवंबर 2020 में लूसी पर आरोप तय हुए थे। उत्तरी इंग्लैंड में मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट की जूरी 22 दिनों तक चर्चा के बाद फैसले पर पहुंची।

सबूत छोड़े बिना हत्या करती थी लूसी

प्रॉसिक्यूशन ने बताया- लूसी लेटबी ​​​​​को कमजोर बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। उसने हत्या के ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया, जिनसे कोई खास सबूत नहीं छूटा। लूसी के साथ काम करने वालों ने कोर्ट में बताया कि बच्चों की मौत तब हुई, जब लूसी शिफ्ट में थी। कुछ नवजात बच्चों पर उसी समय हमला हुआ, जब उनके माता-पिता पालने में छोड़कर गए।

विश्वास दिलाया कि मौतें प्राकृतिक वजहों से हो रहीं

प्रॉसिक्यूटर निक जॉनसन ने कहा कि लूसी अपने सहयोगियों को यह विश्वास दिला देती थी कि मौतें प्राकृतिक वजहों से हो रही हैं। वह अपनी तरफ से बच्चों को नहलाने, कपड़े पहनाने और उनकी तस्वीरें लेने की पेशकश करती थी। वह हर बच्चे की मौत के बाद उत्साहित दिखाई देती थी। लूसी लेटबी के घर से पुलिस को हैंड रिटेन एक नोट मिला था। जिसपर उसने लिखा था ‘मैं दुष्ट हूं, मैंने यह किया।’ लूसी ने कोर्ट में कहा कि उसने यह नोट तब लिखा था, जब उसे दो-तीन बच्चों की मौत के बाद क्लर्क का काम दे दिया गया। उसे लगने लगा कि उसने कुछ गलत किया है।

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