गंगनहर में मगरमच्छ के बच्चे दिखने से ग्रामीणों में हड़कंप

वन विभाग के कर्मचारियों ने पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर में छोड़ा

भास्कर समाचार सेवा

धनौरी। क्षेत्र में स्थित पुरानी गंगनहर में मगरमच्छ के बच्चों के दिखने पर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया, इसकी सूचना किसी राहगीर ने कलियर थाना पुलिस व वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग के कर्मचारियों ने मगरमच्छ के इन बच्चो को सुरक्षित पकड़कर एक बोरे में रख लिये है, जिसको बाद में चिड़ियापुर के रेस्क्यू सेन्टर ले जाया जायेगा, जहाँ इन बच्चो का पालन पोषण होगा। पकड़े गये मगरमच्छ के बच्चो की संख्या एक दर्जन व चार अंडे बताये जा है।

यहाँ पर स्थित बंद पड़ी गंगनहर में मगरमच्छ का परिवार निवास कर रहा है। मगरमच्छ के इस झुंड में लगभग चार पाँच खूंखार मगरमच्छ भी रहते है और यह बच्चे इन्हीं मगरमच्छ के हो सकते है, जो धीरे-धीरे बंद पड़ी गंगनहर में अपना कुनबा बढ़ा रहे है। ग्रामीणों का कहना था कि इन मगरमच्छ को पकड़कर कहीं और तालाब में छोड़ा जाए पर वन विभाग के कानों पर जूं तक नही रेंग रही थी। दरगाह पर आने वाले जायरीन नहाने के लिए गंगनहर में जाते रहते है, जिससे की बाहर से आने वाले जायरीनों की जान का हर वक्त खतरा बना रहता है। मामला सज्ञान में आने पर ‘’दैनिक भास्कर ने 25 मई के अंक में ‘‘जहरीले और खूंखार जानवरों का बसेरा बनी बंद पड़ी गंगनहर को प्रमुखता से उठाया था।’’ खबर का असर हुआ और वन विभाग रेंजर मयंक गर्ग ने एक टीम का गठन कर मौके पर भेजकर वहाँ पर रह रहे मगरमच्छ को पकड़ने के आदेश जारी किये थे। टीम ने मौके पर जाकर मगरमच्छांे को पढ़ने के लिए मौका मुआयना किया था, मगर उसके बाद वहां पर वन विभाग का कोई कर्मचारी या अधिकारी नही आया है। अब उसी स्थान पर मगरमच्छ के बच्चो का मिलना साफ इशारा कर रहा है कि वह अपना कुनबा बढ़ाने पर लगे हुये है। वन रेंजर मयंक गर्ग ने बताया कि बंद पड़ी गंगनहर में से लगभग एक दर्जन मगरमच्छ के बच्चें व चार जिंदा अंडे मिले है। सभी बच्चो को सुरक्षित पकड़कर चिड़ियापुर के रेस्क्यू सेन्टर ले जाकर छोड़ा जा रहा है, जहाँ इनका पालन पोषण होगा। अभी बंद पड़ी नहर में घास-फूस ज्यादा उगा हुआ है और सिंचाई विभाग के इस घास को काटने की अनुमति ली जा रही है, जैसे ही अनुमति मिल जायेगी तुरन्त घास काटकर मगरमच्छो को पकड़ लिया जायेगा। टीम में रेंजर मयंक गर्ग, दरोगा नरेश सैनी व वन विभाग के कर्मचारी शामिल रहे।

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