नई दिल्ली । राजधानी के उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जगह-जगह धुंए के गुबार उठ रहे थे, शोर-शराबे और भीड़ की नारेबाजी के बीच गोलियों और आंसू गैस के गोलों की आवाज गूंज रही थी। उपद्रवी मारो-मारो, भागो-भागो चिल्ला रहे थे। ज्यादातर लोगों के हाथ में बेसबॉल के बैट, लोहे ही रॉड, हॉकी व हमला करनी की अन्य वस्तुएं मौजूद थी। पुलिस बल बार-बार भीड़ को एक ओर से खदेड़ती, उपद्रवी दूसरी जगह से आकर बवाल शुरू कर देते।
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जगह-जगह उपद्रवी धार्मिक पहचान करने के बाद एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे। यहां तक एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों को भी भीड़ ने निशाना बनाना शुरू कर दिया था। सहमे हुए लोग बार-बार पुलिस को कॉल कर रहे थे लेकिन वहां से भी उनको मायूसी ही हाथ लग रही थी। भीड़ में ही मौजूद लोग धार्मिक नारेबाजी कर लोगों को उकसाने का काम कर रहे थे। लोगों का कहना था कि सीएए और एनआरसी के विरोध व समर्थन ने सामप्रदायिक रंग ले लिया है। अब लोग एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं। जिन मोहल्लों में किसी दूसरे समुदाय के एक या दो घर हैं, वह अपने-अपने घरों को छोड़कर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।
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पुलिस ने सीलमपुर फ्लाईओवर के नीचे से ही रोड नंबर-66 पर बैरिकेड लगाकर सड़क को बंद किया हुआ था। जाफराबाद की पुलिया तक सड़क पर सन्नाटा पसरा था। आगे बढ़ते ही बाबुल उलूम मदरसे के पास लोगों की भारी भीड़ जमा थी। थोड़ा से आगे बढ़ते ही जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बड़ी संख्या में भीड़ नारेबाजी कर रही थी। यहां से मौजपुर आगे बढ़ते ही हालात खराब थे। एक ओर मौजपुर और दूसरी ओर कर्दमपुरी व सुदामापुरी के लोग थे।
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दोनों एक दूसरे पर हमला कर रहे थे। दूसरी ओर करावल नगर मेन रोड पर चांदबाग की पुलिया से ही दंगे का नजारा दिखना शुरू हो गया था। यहां मेन रोड से शेरपुर चौक तक 50 से अधिक दुकानों में लूटपाट, तोड़फोड़ करने के अलावा आग के हवाले कर दिया गया। मेन रोड पर लगे एक एटीएम को भी उपद्रवियों ने लूटने का प्रयास किया। भीड़ ने एटीएम को तोड़ डाला। यहां उपद्रवी रह-रहकर पत्थरबाजी करते रहे। कर्दमपुरी, सुदामापुरी और मौजपुर में हालात सबसे खराब दिखे। यहां लोग छतों पर से पथराव करने के अलावा आमने-सामने से फायरिंग करते रहे।
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पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को हुई हिंसा में सबसे अधिक लोग यहीं पर घायल हुए। भीड़ ने कर्दमपुरी के पास गोकुलपुरी की टायर मार्केट को भी आग के हवाले कर दिया। सड़क के एक ओर एक समुदाय तो सड़क के दूसरी ओर दूसरे समुदाय के लोग एक दूसरे पर हमला करते रहे।
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पुलिस भी बस मेन रोड पर खड़ी होकर आंसू गैस के गोले छोड़कर उपद्रवियों को खदेड़ने का प्रयास करती रही लेकिन दोपहर तीन बजे तक किसी भी तरह उपद्रवी पुलिस के काबू में नहीं आए। देर रात तक अर्धसैनिक बलों के जवान इलाकों में अंदर घुस गए। उन्होंने यहां पर उपद्रवियों को अंदर खदेड़ दिया। देर रात तक पूरे इलाके में फ्लैग मार्च निकाला जा रहा था। पुलिस अधिकारी किसी तरह हालात को काबू पाने में लगे थे।