
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 31 मार्च 2020 को खत्म हो रहा था। हालांकि रिजर्व बैंक ने आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया है की एन एस विश्वनाथन ने इस्तीफा दिया है।
एन एस विश्वनाथन को जून 2016 में एच आर खान की जगह डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह RBI में गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग में चीफ जनरल मैनेजर थे।
डिप्टी गवर्नर के तौर पर विश्वनाथन बैंकिंग रेगुलेशन, कॉपरेटिव बैंकिंग,डिपॉजिट इंश्योरेंस समेत कई सेक्टर्स पर निगरानी कर रहे थे। 1981 में बैंकिंग सर्विस से जुड़े विश्वनाथन को बैंकिंग नियमों और कानूनों का बड़ा जानकार माना जाता रहा है।
पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की नीतियों के माने जाने वाले विश्वनाथन फाइनेंशियल स्टेबलिटी के जबरदस्त समर्थक रहे हैं। उनके कहने पर ही आरबीआई, एनबीएफसी को बेल आउट देने के विरोध में अपने कदम पर कायम रहा।
उर्जित पटेल और विरल आचार्य के बाद तीसरा हाई प्रोफाइल इस्तीफा
आरबीआई को 15 महीनों में ये तीसरा झटका लगा है। एन एस विश्वनाथन से पहले केंद्र सरकार से लंबी खींचतान और तनातनी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने 10 दिसंबर 2018 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जबकि आरबीआइ के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने जून2019 में अपने पद से कार्यकाल खत्म होने के छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था













