
भास्कर समाचार सेवा सहारनपुर।उत्तर प्रदेश इंजीनियर्स एसोसिएशन से जुड़े अभियंता संवर्ग की एक बैठक का आयोजन यू.पी ई.ए. भवन पी.डब्ल्यू.डी. केम्पस में विभिन्न मुद्दों के समाधान हेतु किया गया।अध्यक्ष मोहित गुप्ता ने बताया कि विभिन्न सरकारी विभागों कार्यदाई संस्थाओं द्वारा सहारनपुर स्मार्ट सिटी के कार्यों पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा निर्णय लिए जाने में अप्रत्याशित देरी की जा रही है जिस कारण कार्यदाई संस्थाओं द्वारा संविदाकार के माध्यम से निष्कासित कराए जा रहे हैं कार्यों का समय से भुगतान नहीं हो पा रहा है एवं भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं के कार्यों की प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है इसके अतिरिक्त राजकीय संस्थाओं/ विभागों में अभियंताओं की शक्तियों को अतिक्रमण कर प्रत्येक बल बिल का सत्यापन टीम गठित करने उपरांत किया जाता है जबकि राजकीय विभागों व संस्थाओं में अभियंताओं का उत्तरदायित्व विभागीय नियमों के अंतर्गत पूर्व निर्धारित है इस प्रक्रिया से अनावश्यक विलंब उत्पन्न होता है सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि स्मार्ट सिटी के कार्यों पर अनुचित प्रक्रिया एवं लंबित भुगतान के मामले विद्यमान रहते हैं तो राजकीय संस्थाओं को नियमानुसार स्मार्ट सिटी के कार्यों से अवमुक्त होने को बाध्य होना पड़ेगा ऐसी दशा में परियोजनाओं पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव का दायित्व अभियंता संवर्ग का नहीं होगा इसके साथ ही सरकारी विभाग के प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी द्वारा कराए गए सत्यापित कार्यों का पुनः सत्यापन अत्यंत नवीन/ अनुभवहीन संविदारत अभियंताओं द्वारा किया जा रहा है जो कि अनावश्यक एवं अनुचित होने के साथ-साथ अनावश्यक विलंब का कारण है।
सचिव विकास त्यागी ने बताया कि पूर्व में एसपीवी बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णयों पब्लिक निर्देशों पर नियमानुसार अभियंता सोमवार की ओर प्रेषित पत्रावली ऊपर भी अनावश्यक रूप से बार-बार पत्राचार/ प्रेच्छा भी की जाती है जिससे कार्यों में भी अनावश्यक रूप से देरी हो रही है जबकि विभागों द्वारा कार्य नियमानुसार अनुबंध की शर्तों के अनुसार गुणवत्ता पूर्वक संपादित कराए गए हैं कार्यों पर किए गए भुगतान एवं एसपीवी बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के उपरांत भी अग्रिम पत्रावली पर पुनः उसी नियम को लिखित में पूछा जाता है जबकि कोई भी कार्य पूर्व में गठित अनुबंध की लिखित शर्तों के अनुरूप ही कराया जाता है एवं अन्य अनुसार ही भुगतान किए जाते हैं जिसमें स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कराए जा रहे कार्यों पर भुगतान भी समय से सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है यदि भविष्य में विलंब के कारण ठेकेदार द्वारा डी आर ई आरविटेंसन एवं कोर्ट के माध्यम से क्लेम किया जाता है तो उसका पूर्ण दायित्व स्मार्ट सिटी के कार्यकारी प्राधिकारियों का होगा!
इसके साथ ही विभिन्न अभियंताओं द्वारा अवगत कराया गया कि वरिष्ठ राजकीय अभियंताओं जिसमें अन्य जनपदों के अधिकारीगण भी सम्मिलित हैं को स्मार्ट सिटी के पत्रांक 848/ऐ.सी./ 2022-23 दिनांक 21.01. 2023 द्वारा सहारनपुर के प्राक्कलन की तकनीकी जांच के निर्देश पारित किए गए हैं दूसरे विभाग के अधिकारियों को बिना सक्षम स्तर/शासन से पूर्व अनुमति के बिना जनपद में निर्माणाधीन कार्यों की जांच/ परीक्षण हेतु आज ही करना एचपी बोर्ड द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन है।















