उत्तराखंड : लालकुंआ क्यों नहीं पहुंचे पोस्टल बैलटरू हरीश

पूर्व सीएम ने व्यवस्था को लेकर खड़े किए सवाल

भास्कर समाचार सेवा

हल्द्वाहल्द्वानी/लालकुंआ– उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान हुआ है जिसके बाद 10 मार्च को मतगणना की तैयारियां चल रही है इस बीच पोस्टल बैलट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कई सवाल खड़े किए हैं। 3 दिन में दो बार ट्वीट कर हरीश रावत ने लालकुआं विधानसभा में सरकारी कर्मचारियों और पुलिस को पोस्टल बैलट न पहुंचने का मामला उठाया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह भी कहा है कि यह मामला सीधे.सीधे उनके राजनीतिक भविष्य से जुड़ा हुआ है लिहाजा वह अपनी आवाज को ठीक से नहीं उठा पा रहे हैंए लेकिन हरीश रावत का यह कहना है कि आखिर लालकुआं विधानसभा में पोस्टल बैलट क्यों नहीं पहुंचे हैं।

चुनाव के परिदृश्य में जाएं तो लालकुआं विधानसभा में इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है। लिहाजा हरीश रावत यह कह चुके हैं कि एक.एक वोट कीमती है इसीलिए 1068 पोस्टल बैलट पर हरीश रावत की निगाहें टिकी हुई है। वह लगातार ट्वीट करते हुए इस सवाल को उठा रहे हैं कि आखिर सरकारी कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों तक पोस्टल बैलट क्यों नहीं पहुच रहे हैं यही नहीं हरीश रावत ने पूर्व में एक वीडियो डालकर सेना के वोट पर भी सवाल उठाया था जिसकी अभी जांच चल रही है। नैनीताल जिले की लालकुआं विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सामने भाजपा के मोहन बिष्ट और कांग्रेस की बागी उम्मीदवार संध्या डालाकोटी और भाजपा के बागी उम्मीदवार पवन चौहान किसी भी राजनेता की भविष्य की साख में बट्टा लगा सकते हैंए लिहाजा हरीश रावत लगातार ईवीएम से लेकर पोस्टल बैलट तक सवाल उठाते आ रहे हैं। लालकुआं विधानसभा में 14 फरवरी यानी मतदान के दिन 72 फ़ीसदी मतदान हुआ है लगभग 87 हजार वोट ईवीएम में कैद है और 13 प्रत्याशियों का भविष्य 10 मार्च को खुलना है। कांग्रेस के इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां एक और प्रदेश में 48 सीटों का दावा कर रहे हैं तो वहीं अपनी लालकुआं विधानसभा सीट के लिए वह एक.एक वोट बटोरना चाहते हैंए इसीलिए लगातार सवाल उठा रहे हैं। हालांकि परिणाम क्या होगा यह 10 मार्च को सबके सामने ईवीएम में पड़े वोटों की गिनती के बाद सामने आ जाएगा।

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