निमोनिया से बचाव को जागरूक करेंगे : निमोनिया स्वयं सेवी

समुदाय मे जागरूकता से लगेगी निमोनिया पर लगाम

बहराइच l बच्चों मे होने वाली जानलेवा बीमारी निमोनिया से बचाव हेतु विश्वास परियोजना के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आज सम्पन्न हो गया । संस्था सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से स्थानीय जनपद के होटल ग्रैंड पैलेस मे आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम मे निमोनिया स्वयं सेवियों को निमोनिया से बचाव के लिए समुदाय मे जागरूकता बढ़ाने के गुर सिखाये गए ।


प्रशिक्षण को संबोधित करते हुये जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी रवीन्द्र त्यागी ने बताया न्यूमोनिया एक सांस की बीमारी है, जो बच्चों मे सर्दी-जुखाम का संक्रमण फेफड़ों मे पहुँच जाने से होती है। न्यूमोनिया का प्रथम लक्षण ‘सांस तेज चलना’ है जिसका तुरंत उपचार न किया जाय तो गंभीर निमोनिया के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं | विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट 2014 के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों मे 17 प्रतिशत मृत्यु न्यूमोनिया के कारण होती है |
कार्यक्रम मे चयनित दो ब्लाकों पयागपुर और हुज़ूरपुर के निमोनिया स्वयं सेवियों को टीकाकरण, स्तनपान, साबुन से हाथ धोने , स्वच्छता, साफ सफाई एवं जन्म से पाँच वर्ष के बच्चों मे  निमोनिया की पहचान करने के तरीके सिखाये गए ।

उन्हे बताया गया कि पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों मे “तेज सांस”न्यूमोनिया का शुरुवाती लक्षण हैं।  ऐसे बच्चे देखने मे सामान्य बच्चों की तरह ही दिखते हैं परंतु तत्काल उपचार न मिलने की दशा मे इनकी स्थिति गंभीर हो जाती है। बीमारी की गंभीर अवस्था मे शिशु स्तनपान करना छोड़ देते हैं या कुछ भी खाने पीने मे असमर्थ हो जाते हैं।  साँसों मे घरघराहट की आवाज अथवा बीमारी अधिक गंभीर होने पर बच्चा सुस्त अथवा बेहोश हो सकता है।


जिला स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए संस्था सेव द चिल्ड्रेन के सहयोग से जनपद के दो ब्लाकों के प्रत्येक गाँव और पुरवों मे एक निमोनिया स्वयं सेवी समुदाय को जागरूक करने का काम करेगा । 
इस मौके पर सरजू खान डीपीएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,  संस्था सेव द चिल्ड्रेन से अभिषेक मिश्रा, मनोज रावत एवं स्वेता सिंह सहित पयागपुर के 25 एवं हुजूरपुर के 22 निमोनिया स्वयं सेवी मौजूद रहें।

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