
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 ( West Bengal Assembly Elections 2021 ) में जहां एक ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास सत्ता बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है तो वहीं लोकसभा में 18 सीटें जीतकर बंगाल की राजनीति में अपना भविष्य देखरही भाजपा सत्ता में काबिज होने को लेकर बेकरार है। ऐसे में दोनों ही दल मतदाताओं को हर स्तर पर लुभाने की कोशिश में जुटे हैं। इसकी झलक दोनों ही पार्टियों के मेनिफेस्टो में साफ-साफ देखा जा सकता है।
रविवार को भाजपा की ओर से संकल्प पत्र जारी किया गया, वहीं टीएमसी ने चार दिन पहले ही अपना मेनिफेस्टो यानी चुनावी घोषणापत्र जारी किया था। इन दोनों ही दलों ने अपने-अपने मेनिफेस्टो में तमाम तरह के वादे किए हैं, जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके। गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के लिए भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए महिलाओं व किसानों को लेकर कुछ वादे किए हैं, तो वहीं ममता बनर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का घोषणापत्र जारी करते हुए महिलाओं व किसानों से वादे किए हैं।
अब देखना सबसे बड़ा दिलचस्प होगा कि किसके मेनिफेस्टो में कितना दम है और बंगाल की जनता किसपर भरोसा करती है। 2 मई को जब परिणाम सामने आएंगे तब ये साफ हो पाएगा। उससे पहले आइए जानने की कोशिश करते हैं कि दोनों ही दलों के मेनिफेस्टो में क्या-क्या मुख्य रूप से ऐसे वादे किए गए हैं जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके..
महिला मतदाताओं पर टिकी BJP-TMC की नजर
आपको बता दें कि दोनों ही दलों ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए तमाम तरह के वादे किए हैं। इनमें महिलाओं की सुरक्षा करने से लेकर हर महीने भत्ता देने की बात शामिल है। TMC ने जहां विधवा महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये देने का वादा किया है, तो वहीं BJP ने राज्य की सभी महिलाओं को सभी तरह की नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया है। इसके अलावा भाजपा ने यह भी वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है तो महिलाओं के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में निःशुल्क यात्रा की व्यवस्था करेगी।
किसानों से BJP-TMC का वादा
महिलाओं के साथ किसान मतदाताओं को लुभाने के लिए दोनों ही दलों ने एक से बढ़कर एक वादे किए हैं। जहां TMC ने छोटे किसानों को सालाना 10 हजार रुपये प्रति एकड़ देने का एलान किया है, वहीं BJP ने वादा किया है कि किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाएगा।
साथ ही 75 लाख किसानों को जो 18 हजार रुपये तीन साल से ममता दीदी ने नहीं पहुंचाया है, वह रकम सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा किए जाएंगे। इसके अलावा भाजपा ने यह भी वादा किया है कि कृषक सुरक्षा योजना के तहत हर भूमिहीन किसान को हर वर्ष 4000 रुपये की सहायता देंगे।
आम मतदाताओं को लुभाने का प्रयास
TMC और BJP ने आम मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है। ममता बनर्जी ने वादा किया है कि यदि वह फिर से सत्ता में लौटती हैं तो सामान्य वर्ग के परिवारों को हर साल के 6 हजार रुपये देंगे। इस योजना से एक करोड़ 60 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। ममता बनर्जी ने सबसे बड़ा वादा घर-घर राशन पहुंचाने का किया है। चुनाव की घोषणा होने से पहले ममता कोलकाता समेत कई जगहों में मां रसोई स्कीम शुरू कर चुकी हैं, जहां गरीबों को पांच रुपये में भरपेट खाना दिया जा रहा है।
वहीं, भाजपा ने वादा किया है कि बंगाल में सभी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग के तहत सैलरी दी जाएगी। इसके अलावा बंगाल को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए सीएमओ के अंतर्गत एंटी करेप्सन हेल्प लाइन की शुरुआत करेंगे। इससे हर नागरिक अपनी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचा पाएगा। अमित शाह ने कहा कि पहली कैबिनेट की बैठक में सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लागू करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री शरणार्थी योजना के तहत हर शरणार्थी परिवार को पांच साल तक प्रतिबर्ष डीबीटी से 10 हजार रुपया दिया जाएगा।
जातिगत समीकरण पर दोनों ही दलों का जोर
TMC ने ओबीसी, दलित और आदिवासी परिवारों को हर साल 12 हजार रुपये देने का वादा किया है। साथ ही महिष्य, तामुल, तेली और साहा जातियों को ओबीसी दर्जा देने के लिए टास्क फोर्स का गठन करने की बात कही है। वहीं भाजपा ने भी इन जातियों को लुभाने के लिए कई बड़े वादे किए हैं। भाजपा ने कहा है कि उनकी सरकार बनने पर ओबीसी आरक्षण की सूची में महिस्य, तेली और अन्य हिन्दू समुदाय जो रह गए हैं, उनको समाविष्ट किया जाएगा।














