जब पुलिस क्षेत्राधिकारी बने कुछ समय के लिये स्कूल मास्टर

  • बच्चों के जबाब से खुश हुये क्षेत्राधिकारी
    प्रवीण पाण्डेय/अनिरूद्ध दुबे

किशनी/मैनपुरी। कुछ करने का जज्बा हो तो अति व्यस्ततम समय में से भी कुछ समय निकाल कर उसका सदुपयोग किया जा सकता है। यही काम किया तेजतर्रार क्षेत्राधिकारी अमर बहादुर सिंह ने।
शनिवार को सीओ अमर बहादुर कत्ल के सिलसिले में जानकारी जुटाने तथा बूथ सत्यापन के लिये क्षेत्र के गांव इन्द्रपुर सुजानपुर गये थे।

मौका मुआयना करने के बाद लौटते समय उनकी नजर गांव के एक कोने पर बने प्राथमिक विद्यालय इन्द्रपुर सुजानपुर पर जा पहुंची तो उनके अन्दर का शिक्षक जाग उठा। वह अपने को रोक न सके और स्कूल में जा पहुंचे। विद्यालय में एकमात्र शिक्षिका/शिक्षामित्र रूचि मौजूद थीं। गौरतलब है कि कोरोना के कारण स्कूल में कक्षानुरूप बच्चे एक दिन छोड कर एक दिन आ रहे हैं। शनिवार को कक्षा तीन के छात्र अपनी कक्षा में मौजूद थे। सीओ कक्षा में गये और बच्चों से सामान्य ज्ञान से लेकर पहाडे के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूल के बच्चे इतने मेघावी होंगे उन्हंे सहज विश्वास न हुआ। उन्होंने बच्चों ने 13,17 तथा 19 के पहाड़े सुने व पूछे।

सभी लडकों ने बिना अटके सही जबाब दिये। उनके आश्चर्य का ठिकाना न रहा, जब एक लडका विनोद ने उन्हें 25 का पहाड़ा बिना अटके सुना दिया। कक्षा तीन के बच्चों के मुंह से धारा प्रवाह पहाडे़ सुनकर वह काफी खुश हुये और सभी बच्चों को शाबासी दी। सीओ के आने से बच्चे भी काफी खुश नजर आ रहे थे। शिक्षामित्र रूचि ने बताया कि वह बच्चों की पढाई के प्रति काफी सर्तक हैं। इसीलिये इनमें कई बच्चे निजी स्कूलों को छोड़ कर सरकारी स्कूल में प्रवेश पाये हैं। उन्होंने बच्चों के आग्रह पर बच्चों के साथ फोटो भी खिंचवाई। यदि हर स्कूल के अध्यापक शिक्षामित्र रूचि की तरह ही पढाने में रूचि दिखाये तो वह दिन दूर नहीं जब परिषदीय विद्यालयों की हालत में सुधार आ जायेगा।

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