यस बैंक धोखाधड़ी : मुंबई-पुणे में आठ ठिकानों पर CBI ने की छापेमारी

मुंबई। हमारे बीच एक बड़ी खबर आ रही है जहां एक जाने-माने बैंक में धोखाधडी का मामला सामने देखने को मिला है, हम बात करते है बड़े ही चर्चोंं में रहने वाला यस बैंक-डीएचएफएल धोखाधड़ी मामले को देखते हुए सीबीआइ टीम ने अपना एक्शन दिखाना शुरू कर दिया है। बता दें बीते शनिवार को मुंबई व पुणे के बड़े बिल्डरों के आठ ठिकानों पर सीबीआई टीम ने छापेमारी कर कार्रवाई की है। यहीं नहीं डीबी

रियल्टी के जाने माने हस्ती चेयरमैन विनोद गोयनका व प्रबंध निदेशक शाहिद बलवा के अलावा अविनाश भोसले के घर-दफ्तर में तलाशी ली गई। जिसके बाद से ये मामला और भी तूल पकड़ता नजर आने लगा है , जहां अन्य लोग भी सीबीआइ की राडार पर आ चुके है।

सीबीआई के हाथ लगा अहम दस्तावेज

सूत्रों के अनुसार अधिकारियों के हाथ कुछ अहम कागजात लगे हैं। सीबीआइ को अंदेशा है कि यस बैंक-डीएचएफल घोटाले की रकम उक्त बिल्डरों की कंपनियों ने खपाई। इसी मामले में सीबीआइ ने बिल्डर संजय छाबडिय़ा को गिरफ्तार किया है। विशेष अदालत ने छाबडिय़ा को सीबीआइ की रिमांड में दिया है। माना जा रहा कि छाबडिय़ा से पूछताछ के बाद अन्य बिल्डर सीबीआइ के रडार पर हैं। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में गोयनका व बलवा गिरफ्तार हुए थे, जिन्हें 2018 में विशेष अदालत ने बरी कर दिया।

इस समय खेला गया खूब फर्जीवाड़े का खेल

सीबीआइ की प्राथमिकी के अनुसार अप्रेल-जून 2018 में फर्जीवाड़ा का खेल तब शुरू हुआ जब यस बैंक ने डीएचएफएल के डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपए निवेश किया। डीएचएफएल यह रकम बैंक को लौटाने में विफल रही। साजिश के तहत डीएचएफल के प्रमोटर वधावन ने यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर के परिवार की कंपनी डीओआइटी अर्बन वेंचर्स को 600 करोड़ रुपए का लोन (रिश्वत) दिया।

अर्बन वेंचर्स पर कपूर की तीन बेटियों का नियंत्रण है। कर्ज की वसूली नहीं होने के बावजूद यस बैंक ने धीरज वधावन की कंपनी आरकेडब्ल्यू डवलपर्स को 750 करोड़ रुपए एसआरए प्रोजेक्ट के लिए दिया। एसआरए प्रोजेक्ट की रकम वधावन ने दूसरे बिल्डरों को दी। छाबडिय़ा की गिरफ्तारी इसी मामले में हुई है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें