
यागराज।
योग क्रिया के द्वारा जहां शरीर को कई व्याधियों से मुक्ति मिल सकती है वहीं मानसिक शांति का यह एक महत्वपूर्ण साधन है।
उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने विश्व विद्यालय में आयोजित योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में व्यक्त किए।
प्रोफेसर सिंह ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कैरियर में सफल होना अलग बात है और जीवन में सफल होना अलग बात है। व्यक्ति अपना जो भी कार्य क्षेत्र अपनाता है उसमें वह सफल तभी होता है जब वह दक्षता पूर्ण एवं कुशलता पूर्ण कार्य करे।
प्रोफेसर सिंह ने कहा कि उसमें कुछ हुनर हो तो वह अपने कैरियर में सफल होता है लेकिन केवल कैरियर में सफल होना महत्वपूर्ण नहीं है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि कैरियर का सफल होना महत्त्व तो रखता है लेकिन कैरियर के साथ-साथ जीवन में भी सफल होना जरूरी है । जिस दृष्टि को लेकर हम जी रहे हैं उसमें भी हमें सफल होना चाहिए । हम पारिवारिक दृष्टिकोण से, सामाजिक दृष्टिकोण से तथा राष्ट्रीय दृष्टिकोण से भी सफल हों जीवन के लिए यह भी आवश्यक है।
कुलपति प्रोफेसर सिंह ने कहा कि आज हमें पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों के प्रति सतर्क एवं सचेत होने की आवश्यकता है। हमें ऐसे आदर्श व्यक्ति का चुनाव करना है जो सामाजिक मूल्यों और सामाजिक मान्यताओं में विश्वास रखता हो तथा देश के इतिहास और भूगोल के प्रति भी अत्यंत सचेत हो। जिसको स्थान और समय का बोध हो तथा समतायुक्त, विषमता मुक्त तथा समरसता पूर्ण समाज की रचना में अपना अभीष्ट योगदान दे सकें।
प्रोफेसर सिंह ने योग को दैनंदिन जीवन का एक महत्वपूर्ण मंत्र बताया। कुलपति का स्वागत स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर गिरिजा शंकर शुक्ला ने किया। इस अवसर पर इलाहाबाद क्षेत्रीय केंद्र समन्वयक डॉ अभिषेक सिंह, योग प्रशिक्षक श्री अमित कुमार सिंह, डॉ आनंदानंद त्रिपाठी, डॉ शिवेंद्र प्रताप सिंह आदि ने छात्रों को योग की महत्ता के बारे में बताया।
मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ तथा चित्रकूट स्थित अध्ययन केंद्रों के एम. ए. योग, योग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, योग में डिप्लोमा तथा योग में प्रमाण पत्र कार्यक्रम के सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर रहे हैं।








