
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सूबे में ऑपरेशन क्लीन चला रखा है. सीएम योगी ने ठान लिया है कि सूबे के अंदर किसी भी माफिया और अपराधी के लिए कोई भी जगह नहीं है. पिछली सरकारों में जिन माफियाओं को भरपूर संरक्षण मिला था. इसी वजह से उन्होंने सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करके लंबी चौड़ी इमरातें खड़ी की थी. इसी ऑपरेशन के चलते योगी का डंडा आये दिन प्रदेश के कुख्यात हिस्ट्री शीटर और माफिया गिरोह पर बरस रहा है. उत्तर प्रदेश में आज कोई भी अपराध करने से पहले 100 बार सोचता है. यहां तक की कई बदमाशों ने तो प्रशासन की कार्रवाई के चलते अपराध की गलियां छोड़ आत्मा समर्पण कर दिया है. ऐसे में एक और बड़ी खबर सामने आई है.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी गणेशदत्त मिश्र की 6 मंजिला अवैध बिल्डिंग को जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है. सीओ सिटी और शहर कोतवाल के साथ जेसीबी और 2 पोकलेन लेकर टीम रौजा पहुंची. इसके बाद बिल्डिंग को गिराने की कार्रवाई शुरू हुई. मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद रही ताकि किसी प्रकार का कोई हिंसक वारदात न हो. बता दें एसडीएम कोर्ट के आदेश पर डीएम एमपी सिंह की अगुवाई वाली आठ सदस्यीय बोर्ड ने 5 दिसंबर की रात इस कार्रवाई पर मोहर लगा दी थी. जिसके तुरंत बाद देर रात ही नोटिस जारी किया गया.
जानकारी के मुताबिक प्रॉपर्टी डीलर गणेशदत्त मिश्र को मुख़्तार अंसारी का करीबी माना जाता है. उसने अपने पिता के नाम पर शहर से बिल्कुल सटे रजदेपुर देहाती के श्रीराम कॉलोनी में उस बिल्डिंग का निर्माण करवा रहे थे. आरोप है कि निर्माण में मास्टर प्लान के नियमों की अनदेखी की गई. हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई को मुख्तार अंसारी और उनके लोगों के विरुद्ध चल रहे अभियान से जोड़कर भी देखा जा रहा है.
इस ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ गणेशदत्त मिश्र हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली थी. उसके बाद एसडीएम कोर्ट ने उनकी अंडर कंस्ट्रक्शन वाली बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया. जिसके बाद डीएम की अगुवाई वाली बोर्ड ने एसडीएम के उस आदेश पर अपनी मुहर लगा दी. डीएम के आदेश के बाद देर शाम ही ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया. इसके बाद 6 दिसंबर की सुबह ही जेसीबी और पोकलैंड मशीनों के साथ पुलिस और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और इस कार्रवाई को अंजाम दिया.













