दहेज में सूरज ने ली महंगी कार, अगले दिन दुल्हन को घुमाने ले गया, अब हमेशा रहेगा शर्मिंदा

नई नवे’ली दुल्हन प्रि’या को शादी के दूसरे दिन ही दहेज मे मिली नई चम’चमाती गाड़ी से शाम को सूरज लॉन्ग ड्राइव पर लेकर निकला. गाड़ी बहुत तेज भगा रहा था. प्रिया ने उसे ऐसा करने से मना किया तो बोला- अरे जाने’मन! मजे लेने दो आज तक दोस्तों की गाड़ी चलाई है, आज अपनी गाड़ी है सालों की तम’न्ना पूरी हुई. मैं तो खरीदने की सोच भी नही सकता था. इसीलिए तुम्हारे डैड से मांग करी थी.

ये सुनकर प्रिया बोली:- अच्छा, म्यूजिक तो कम रहने दो.. आवाज कम करते प्रिया बोली, तभी अचानक गाड़ी के आगे एक भि’खारी आ गया. बडी मुश्किल से ब्रेक लगाते, पूरी गाड़ी घुमाते सूरज ने बचाया मगर तुरंत उसको गा’ली देकर बोला- अबे मरेगा क्या भिखारी सा’ले, देश को बर’बाद करके रखा है तुम लोगों ने. ‘

तब तक प्रिया गाड़ी से निकलकर उस भि’खारी तक पहुंची देखा तो बेचारा अपाहिज था उससे मा’फी मांगते हुए और पर्स से 100रू निका’लकर उसे देकर बोली- माफ करना काका वो हम बातों में.. कही चोट तो नहीं आई? ये लीजिए हमारी शादी हुई है मिठाई खाइ’एगा ओर आर्शि’वाद दीजिएगा’.

ये कहकर प्रिया ने उसे साइड में फुटपाथ पर लेजाकर बिठा दिया, भिखारी दुआएं देने लगा, गाड़ी मे वापस बैठी प्रिया से सूरज बोला:- तुम जैसों की वजह से इनकी हिम्मत बढती है भि’खारी को मुंह नही लगाना चाहिए.

प्रिया मुसकुराते हुए बोली– ‘सूरज, भिखारी तो मजबूर था इसीलिए भीख मांग रहा था वरना सबकुछ सही होते हुए भी लोग भीख मांगते हैं दहेज लेकर. जानते हो खून पसीना मिला होता है गरीब लड़की के माँ – बाप का इस दहेज मे , ओर लोग.. तुमने भी तो पापा से गाड़ी मांगी थी तो कौन भिखारी हुआ ?? वो मजबूर अपाहिज??’.

‘एक बाप अपने जिगर के टुकड़े को २० सालों तक संभालकर रखता है दूसरे को दान करता है जिसे कन्यादान “महादान” तक कहा जाता है ताकि दूसरे का परिवार चल सके उसका वंश बढे और किसी की नई गृ’हस्थी शुरू हो, उसपर दहेज मांगना भीख नही तो क्या है बोलो ..? कौन हुआ भिखारी वो मजबूर या तुम जैसे दूल्हे..’

सूरज एकदम खा’मोश नीची नजरें किए शर्मिं’दगी से सब सुनता रहा क्योंकि..प्रिया की बातों से पडे तमाचे ने उसे बता दिया था कि कौन है स’चमुच का भिखा’री.

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