यमुना एक्सप्रेस-वे में क्रैश बैरियर लगाने के लिए सामाजिक कार्यकर्त्ता रिंकी शर्मा की पेटिशन को मिल रहा है जनसमर्थन

दिल्ली-आगरा के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे जहां एक तरफ तेज रफ्तार के कारण “मौत का हाईवे” बन चुका है वहीं दूसरी तरफ सामाजिक कार्यकर्त्ता रिंकी शर्मा ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगाने के लिए अपनी अनूठी पहल की शुरुआत की है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यमुना एक्सप्रेस-वे पर अब तक 700 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और करीब 7000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे में करीब 5,000 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं।

बता दें कि इससे पूर्व सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) की टीम भी अपने सुझाव में कह चुकी है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगाए जाएं ताकि हादसों में कोई वाहन सड़क के दूसरी तरफ न जा सके। अभी उसकी जगह कटीली तार का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि क्रैश बैरियर लग जाने से बसों के हादसों पर लगाम लगेगा। यमुना एक्सप्रेस में दुर्घटनाओं पर काबू पाने के लिए समिति का गठन भी किया गया था।

सामाजिक कार्यकर्ता रिंकी शर्मा की अनूठी पहल

सामाजिक कार्यकर्ता और वाहन चालक रिंकी शर्मा ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगाने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से अनूठी पहल की शुरुआत की है। change.org के माध्यम से अपनी http://change.org/JaanSastiNahin पेटिशन के माध्यम से समाजसेवी रिंकी शर्मा ने अपनी आवाज जनता तक पहुंचाने की मुहिम छेड़ी है। सबसे बड़ी बात यह है कि उनकी इस मुहिम को बड़ा जनसमथर्न मिल रहा है। अब तक रिंकी शर्मा की पेटिशन को 8000 से ज्यादा लोगों का समर्थन प्राप्त हो चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में किये गये कामों पर सरकार का धन्यवाद देते हुए समाजसेवी रिंकी शर्मा ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगाने की उनकी मुहिम जारी रहेगी और वह इसको अंजाम तक पहुंचाकर रहेगी। उन्होंने कहा कि आजकल सर्दियों में फॉग की वजह से दुर्घटना के कई मामले फिर सामने आ सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार और इससे जुड़ी समितिओं को चाहिए कि हादसों को रोकने के लिए प्रयास पहले से शुरु कर लेने चाहिए।

उन्होंने सरकार, जनता और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार-परिवहन, संसदीय कार्य) अशोक कटारिया के बीच अपने सवाल रखते हुए पूछा कि क्या यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा निगरानी समिति ने आईआईटी से सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिए थे। आईआईटी दिल्ली की टीम ने एक्सप्रेस-वे का सुरक्षा ऑडिट कर यमुना प्राधिकरण को कई माह पहले ही रिपोर्ट सौंप दी है परन्तु सुझावों को लागू कराने की रफ्तार काफी धीमी है, जबकि एक्सप्रेस-वे पर हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने पूछा कि राज्य सरकार और समिति हादसों को रोकने के लिए क्या प्रयास कर रही है और क्रैश बैरियर लगाने के बाबत कुछ अग्रिम कार्य कहां तक पहुंचा है।

सड़क हादसों को रोकने के लिए लगाए जाएं क्रैश बैरियर

इस पेटीशन के बारे में रिंकी शर्मा ने कहा कि पेटीशन में इस बात पर बल दिया कि यमुना एक्सप्रेस-वे को सुरक्षित बनाने के लिए तुरंत क्रैश बैरियर लगाए जाएं, ताकि सड़क हादसों को रोका जा सके। उनका मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर सडक हादसों के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे को ‘मौत का हाईवे’ की संज्ञा देना कोई आश्चर्य नहीं माना जा सकता। यदि सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे को सुरक्षित करने के लिए जल्द ही कोई कदम नहीं उठाए तो आज नहीं तो कल हम या कोई भी अथवा किसी के अपने इस ‘मौत के हाईवे’ के शिकार हो सकते हैं। विभिन्न मंचों से सड़क सुरक्षा को लेकर आवाज बुलंद करती आ रही रिंकी शर्मा ने इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार के नाम शुरू की गई पेटीशन इस एक्सप्रेस-वे पर हादसों को रोकने के लिए ठोस एवं सुरक्षित कदम उठाने पर बल दिया है।

रिंकी शर्मा की इस पेटीशन सलोगन दिया गया है कि हमें ‘मौत का हाईवे’ नहीं ‘ज़िंदगी का हाईवे’ चाहिए। रिंकी शर्मा का यह भी कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा निगरानी समिति ने आईआईटी दिल्ली से सुरक्षा ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। आईआईटी दिल्ली की टीम ने एक्सप्रेस-वे का सुरक्षा ऑडिट कर यमुना प्राधिकरण को कई माह पहले ही रिपोर्ट सौंप दी है परन्तु सुझावों को लागू कराने की रफ्तार काफी धीमी है, जबकि एक्सप्रेस-वे पर हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान(सीआरआरआई) ने भी सरकार को सुझाव दिया है कि अभी यमुना एक्सप्रेस वे पर लगे कंटीली तार बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर कंटीली तार के बजाए क्रैश बैरियर लगाए जाएं, ताकि हादसों में कोई वाहन सड़क के दूसरी तरफ न जा सके। क्योंकि क्रैश बैरियर लग जाने के बाद ही यात्री बसों के हादसों पर लगाम लगाई जा सकेगी। रिंकी शर्मा ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर क्रैश बैरियर लगाने की उनकी मुहिम जारी रहेगी और वह इसको अंजाम तक पहुंचाकर रहेगी।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें