
माना जाता है धरती पर ब्रहा कमल एक ऐसा फूल है जिसकी पंखुड़ियों से अमृत की बूंदे टपकती हैं। यह फूल ज्यादातर उत्तराखंड की वादियों में देखा जाता है. ब्रहा कमल हर समय नहीं बल्कि जुलाई-अगस्त के समय में ही आपको खिलता हुआ नजर आ सकता है. उत्तराखंड के अलावा आप इसे हिमालय, उत्तरी बर्मा और दक्षिण-पश्चिम चीन में भी आप देख सकते हैं.
इस दिव्य चमत्कारी फूल को खासकर उत्तराखंड के मशहूर केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिरों में भगवान के चरणों में अर्पित किया जाता है.कहा जाता है कि पहाड़ी क्षेत्र में 11 हजार से 17 हजार फुट की ऊंचाइयों पर बर्फ की चट्टानों पर आपको यह फूल खिलते हुए दिखाई दे सकते हैं, इसके खिलने का समय दिन में नहीं बल्कि रात को होता है.मान्यता है कि इसे जो भी कोई खिलते हुए देखता है वह बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है.
हिमालय के मंदिरो में इस चमत्कारी व दिव्य फूल को चढाने की परंपरा है . आंधी रात को इन फूलों के खिलते ही वहां के निवासी इन्हें बौरे में भरकर ले आते हैं और 10-20 रुपये में मंदिर के पास ले जाकर लोगों को बेच देते हैं.बता दें कि इसको सिर्फ पूजा में ही नहीं बल्कि दवाई के रुप में भी इस्तेमाल किया जाता है.इस फूल से काली खांसी से लेकर कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी को खत्म किया जा सकता है.
वैघ के अनुसार इसकी पंखुड़ियों से टपका हुआ जल अमृत के समान माना जाता है . इस फूल के अर्क को यदि बीमार व्यक्ति को दिया जाएं तो इससे उसका बुखार जल्द ठीक हो जाता है. यदि किसी के लीवर में इन्फेक्शन हो तो उस व्यक्ति को इसका इस्तेमाल जरुर करना चाहिए.















