नेत्रहीन पिता के लिए श्रवण कुमार बनी यह बिटिया, मज़दूरी कर परिवार को पाला और खुद बनी स्नातक
भदोही । हौंसले बुलंद हों तो हिमालय का कद भी बौना पड़ जाता है। जिंदगी में उलझनों से टूटकर बिखरने के बजाय अगर चुनौतियों का सामना किया जाय तो संघर्ष की मिठास से जिंदगी नए सपने बुनती है। हमारे गांव-गिरांव और आसपास महिलाओं और बेटियों के साहस की ऐसी कहानियां बिखरी पड़ी हैं, जो समाज … Read more










