गिरफ्तार ISI एजेंट से पूछताछ में जुटी STF, मिले कई सुराग

मेरठ। यूपी के शामली में दो दिन पहले पकड़े गए ISI एजेंट के एक मोबाइल से STF को 5 मैसेज मिले हैं। यह मैसेज उर्दू में हैं। एजेंसियों ने इनका ट्रांसलेट तो कर लिया है। लेकिन, उसका मतलब क्या है, यह क्लियर नहीं हो पाया है। सुरक्षा एजेंसियां इनको डिकोड करने में लगी हैं।

जो 5 मैसेज मिले, उनका ट्रांसलेट

हुजूर अकरम सल्लाहुअलैहिवसल्लम ने रात के वक्त मुजाहिद्दीन को एक दस्ते की रवानगी का हुक्म फरमाया।
रसूल.. ने इरशाद फरमाया अगर तू रात को कायम करें।
मुस्कराते जख्म।
पैसे, लफ्ज व तहरीकी जिंदगी।
उसकी चक्की चल रही है।

शामली का ही है ISI एजेंट

आरोपी कलीमशामली के नोकुआं रोड का रहने वाला है। 12 अगस्त को ही वह अपनी मां आमना और पिता नफीस के साथ पाकिस्तान जेल से रिहा होकर लौटा था। ये लोग अवैध पिस्टल रखने के मामले में पाकिस्तान की जेल में 23 जुलाई 2022 से बंद थे। कलीम का भाई तस्लीम जाली करेंसी और आतंकी गतिविधियों में पाकिस्तानी जेल में है। कलीम 5 भाइयों में तीसरे नंबर का है। उसके सभी भाइयों की शादी हो चुकी है।

कलीम का कबूलनामा- रुपए का लालच देकर फंसाया

STF के मुताबिक, कलीम ने पूछताछ में बताया, ‘मैं पाकिस्तान में अपनी बुआ के यहां जाता था। जहां मेरी दोस्ती ISI के कुछ हैंडलरों और सदस्यों से हुई। ISI एजेंट्स ने मुझे और मेरे भाई को रुपए का लालच देकर फंसा लिया।”कहा था कि तुम्हें पैसा, हथियार, गोला-बारूद दिया जाएगा। ये हथियार भारत लेकर जाओ। वहां अलग-अलग शहरों और इलाकों में जाकर दंगा कराओ, जिससे भारत में शरीयत कानून के तहत नए सिस्टम को स्थापित कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जा सके।’

जवानों की फोटो, अखबारों की कटिंग मिली

मेरठ STF ने खुफिया इनपुट पर 16 अगस्त को कलीम को शामली के मोमोनपुरा गांव से गिरफ्तार किया था। STF ने उसके पास से आर्मी के जवानों और राफेल की फोटो और कुछ अखबारों की कटिंग भी बरामद की थी। उसके पास एक फर्जी मोबाइल नंबर भी मिला है। STF ने जब उस मोबाइल नंबर को चेक कराया, तो वह ISI ऑपरेटिव आतंकी दिलशाद के नाम पर निकला।

सेना के बेस कैंप के फोटो पाकिस्तान भेजता

सूत्रों के अनुसार, कलीम देश में जिहाद फैलाने के लिए लोगों को भड़काता था। उसकी प्लानिंग भारत में मुजाहिदीन की जमात बनाने की थी। यही नहीं, वह देश में दंगा भड़काने की साजिश रच रहा था। कलीम सेना के बेस कैंप के पास जाकर लोकेशन और सेना के जवानों के फोटो क्लिक करता था। फिर उसे वॉट्सऐप से पाकिस्तान भेजता है। उसने राफेल की फोटो खींचकर भेजी है।

सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की बड़ी साजिश

मेरठ STF के ASP बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि भारत की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने की बड़ी साजिश के रचने का इनपुट लगातार मिल रहा था। इसके बाद फील्ड इकाइयों को एक्टिव किया गया। तब पता चला कि कलीम शामली का है। उसका भाई तहसीम और इनके सहयोगी किसी आतंकवादी संगठन से मिले हैं। यह भी पता चला कि ये लोग कोई बड़ी आपराधिक साजिश रच रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान में ISI और आतंकी संगठनों को कई गोपनीय तस्वीरें भेजी हैं। इनके और साथियों की तलाश जारी है।

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