इजराइली टैंकों पर पत्थरबाजी, हादसे में मारा गया जेनिन ब्रिगेड का हेड

इजराइल-हमास जंग का आज 24वां दिन है। इस बीच इजराइली सेना के टैंक वेस्ट बैंक के जेनिन इलाके में भी घुसे। यहां फिलिस्तीनियों ने टैंकों पर पत्थरबाजी की। इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक जंग के इजराइली एयर स्ट्राइक में जेनिन ब्रिगेड का हेड वायम अल हानून मारा गया।

दूसरी तरफ इजराइली सेना ने गाजा में अपनी जमीनी घुसपैठ बढ़ा दी है। इजराइल डिफेंस फोर्सेस के सैनिकों ने रविवार को गाजा में घुसकर की गई रेड के बाद वहां अपना झंडा फहरा दिया। वहीं, गाजा में लोग टॉर्च लेकर मलबे में अपनों के शवों और लापता परिजनों को तलाश रहे हैं। डॉक्टर्स भी अंधेरे में इलाज कर रहे हैं। दरअसल, जंग शुरू होने के बाद 10 अक्टूबर को इजराइल ने गाजा को होने वाली बिजली की सप्लाई रोक दी थी। तब से लोग अंधेरे में जीवन गुजार रहे हैं।

अस्पतालों में भी बिजली नहीं है। इलाज करने में परेशानी हो रही है। इस बीच अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि हम जंग लड़ने के लिए अपने सैनिकों को इजराइल या गाजा नहीं भेज रहे हैं। इजराइल के मुताबिक इजराइल बॉर्डर के पास नॉर्थ गाजा के इरेज शहर में हमास के लड़ाके इजराइली सेना से भिड़ गए। ये लड़ाके सुरंगों से निकले और सैनिकों पर हमला करने लगे। सेना का कहना है उन्होंने यहां कई लड़ाकों को मार गिराया है।

एक दिन का बच्चा मारा गया

उदय अबू मोहसिन इजराइली बमबारी का शिकार हो गया। उसका जन्म 28 अक्टूबर को हुआ था। 29 अक्टूबर को वो मारा गया। एक फिलिस्तीनी फोटो जर्नलिस्ट ने कफन में लिपटे शव की तस्वीर शेयर की। पत्रकार ने कहा- उसका बर्थ सर्टिफिकेट तक नहीं बना था, लेकिन डेथ सर्टिफिकेट बन गया है।

हमास को खत्म करने उनका टनल नेटवर्क तबाह करना होगा : सेना

इजराइली सेना का कहना है कि हमास के मुख्य और अन्य बड़े ठिकाने अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों के नीचे हैं। हमास सुरंगों से ऑपरेट करता है। इस संगठन को जड़ से खत्म करने के लिए गाजा का टनल नेटवर्क तबाह करना होगा। वहीं, हमास का कहना है कि उसने बंधकों को इन्हीं सुरंगों में रखा है।

WHO बोला- अस्पताल खाली करना नामुमकिन

इजराइल ने नॉर्थ गाजा के अल कुद्स अस्पताल को खाली करने के लिए कहा है। इस पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। सैकड़ों घायल रोज यहां इलाज और फर्स्ट एड के लिए आ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों को खाली करना नामुमकिन है।

वहीं, हमास ने इजराइली सेना पर अल कुद्स अस्पताल के पास हमला करने का आरोप लगाया है। वीडियो में लोग परेशान होकर इधर-उधर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इजराइल ने गाजा को होने वाली पानी सप्लाई शुरू की

इजराइल के मुताबिक, इजराइल ने बंद की गई एक पाइपलाइन शुरू कर दी है। इनसे गाजा तक पानी पहुंचता है। जंग शुरू होने के बाद 10 अक्टूबर को इजराइल ने पानी सप्लाई रोक दी थी। इसके शुरू होने के बाद अब गाजा में हर दिन 2 करोड़ 85 लाख लीटर पानी पहुंचेगा। हालांकि ये जंग के पहले दिए जाने वाली पानी की मात्रा का आधा है। पहले 4 करोड़ 90 लाख लीटर पानी दिया जाता था।

UN रिलीफ एजेंसी से आटे की बोरियां ले गए फिलिस्तीनी

गाजा में रह रहे हजारों फिलिस्तीनी यूनाइटेड नेशन्स रिलीफ एंड वर्क एजेंसी के वेयरहाउस और डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर में घुस गए। यहां राहत सामग्री रखी हुई थी। लोग यहां से रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसा आटा लेने जमा हुए थे। अंदर घुसने के बाद लोगों में सामान लेने की होड़ मच गई।

UN ने एक बयान में कहा- ये चिंता की बात है। गाजा में स्थानीय शासन फेल हो गया है। नागरिक व्यवस्था टूटने लगी है।

बंधकों को वापस लाने जमीनी हमले तेज किए : डिफेंस मिनिस्टर

इजराइल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने बंधक बनाए गए लोगों के परिजनों से कहा- हमने गाजा में जमीनी हमले तेज कर दिए हैं। इसके दो मकसद हैं- पहला बंधकों को वापस लाना और दूसरा- जंग जीतना। हमास की कैद में 200-250 बंधक हैं। इन्हें सुरंगों में रखा गया है। अब सिर्फ 4 बंधकों को आजाद किया गया है।

आर्मी के खिलाफ विवादित पोस्ट पर नेतन्याहू ने माफी मांगी

PM बेंजामिन नेतन्याहू ने सिक्योरिटी फोर्स को जिम्मेदार ठहराने वाले ट्वीट पर माफी मांगी है। उन्होंने नए ट्वीट में कहा- मैं गलत था। जो बातें मैंने कही वो नहीं कही जानी चाहिए थी और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। मैं सुरक्षा बलों के सभी प्रमुखों का समर्थन करता हूं।

दरअसल, PM नेतन्याहू ने कहा- जंग के बाद सभी नेताओं, सरकार और मुझे हमले की शुरुआत में नाकामी के लिए जवाब देना होगा। उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास के हमले की कोई जानकारी न मिलने के लिए सिक्योरिटी फोर्सेज और इंटेलिजेंस हेड्स को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा था- मुझे किसी ने भी हमले से जुड़ी कोई चेतावनी नहीं दी थी। इंटेलिजेंस टीम और शिन बेट के अधिकारियों का मानना था कि हमास डरा हुआ है और समझौता करना चाहता है। नेतन्याहू के बयान की जमकर आलोचना भी हुई। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान से जुड़े ट्वीट को डिलीट कर दिया।

उन्होंने कहा था- मुझे किसी ने भी हमले से जुड़ी कोई चेतावनी नहीं दी थी। इंटेलिजेंस टीम और शिन बेट के अधिकारियों का मानना था कि हमास डरा हुआ है और समझौता करना चाहता है। नेतन्याहू के बयान की जमकर आलोचना भी हुई। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान से जुड़े ट्वीट को डिलीट कर दिया।

‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’

हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।

वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?

मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।

गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।

अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली पुलिस ने नमाजियों को गिरफ्तार किया; हमास ने कहा- कीमत चुकानी पड़ेगी

इजराइल में यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में पुलिस और फिलिस्तीनियों की बीच झड़प हो गई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया और उन पर पवित्र मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। पुलिस के मुताबिक, कुछ फिलिस्तीनियों ने खुद को पटाखों, लाठी और पत्थरों के साथ मस्जिद में बंद कर लिया था और बाहर बैरिकेडिंग लगा दी थी।

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