- संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा में स्वास्थ्य विभाग की पहल
- हर स्कूल में नामित होगा एक स्वास्थ्य नोडल शिक्षक
गाजियाबाद । जनपद में चल रहे संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े के तहत स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को पत्र लिखा गया है कि हर स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल शिक्षक नियुक्त किया जाए। नोडल शिक्षक की जिम्मेदारी होगी कि किसी छात्र या छात्रा के दो दिन या उससे ज्यादा छुट्टी पर रहने की स्थिति में उसके अभिभावकों से संपर्क करके छुट्टी की वजह जाने। यदि छात्र किसी संक्रामक रोग की चपेट में आ गया है तो इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजे।
इसके अलावा स्वास्थ्य नोडल शिक्षक बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्कूल में चलाई जा रही गतिविधियों को दर्ज करते हुए एक रजिस्टर तैयार करें। इतना ही नहीं संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़े के दौरान जागरूकता के लिए प्रभात फेरी और क्विज आदि का आयोजन कराएं। साथ में स्कूली बच्चों को यह भी बताएं कि शौच जाने के बाद अच्छी तरह साबुन से हाथ धोएं और खाना खाने के पहले और बाद में ही अपने हाथों को अच्छी तरह साफ करें। हाथ साफ करने के लिए सैनेटाइजर इस्तेमाल किया जाए तो संक्रामक रोगों की रोकथाम में यह काफी कारगर साबित होगा। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी डा. जीके मिश्रा ने बताया कि बीएसए कार्यालय से सभी स्कूलों को इस संबंध में पत्र भेज दिए गए हैं।
संचारी रोग और बचाव
संचारी या संक्रामक रोग, किसी ना किसी रोगजनित कारको (रोगाणुओं) जैसे कवक, जीवाणु, वाइरस इत्यादि के कारण होते हैं। संक्रामक रोगों में एक शरीर से अन्य शरीर में फैलने की क्षमता होती है। मलेरिया, टायफायड, चेचक, इन्फ्लुएन्जा इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। संक्रमण रोग के कारणों में बैक्टीरिया, वायरस, फफूँद और सूक्ष्म परजीवी (जैसे मलेरिया या फाइलेरिया रोग के परजीवी) शामिल होते हैं। संक्रमण बीमारियों का इलाज, अन्य समूहों की बीमारियों के इलाज से आसान होता है। इन रोगों से बचाव के लिए टीके भी उपलब्ध हैं। रहन-सहन सुधार से भी इनसे बचाव किया जा सकता है।