विवेक काॅलेज में व्यक्त्तिव विकास पर प्रशिक्षण का हुआ आयोजन छात्रो में निपुणता का विकास ही रोजगार का सशक्त मार्ग

भास्कर समाचार सेवा

बिजनौर।विवेक काॅंलेज के समाज कार्य विभाग एवं भारतीय महिला आयेाग, भारत सरकार द्वारा प्रयोजित एक दिवसीय बालिकाओं के व्यक्तित्व विकास एवं क्षमता वर्धन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 150-150 के समूह में लगभग 300 छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय के चैयरमेन अमित गोयल, सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र अग्रवाल, प्रशासनिक निदेशक डा. ओ.पी.गुप्ता प्राचार्या डा. दिप्ती डिमरी तथा कार्यक्रम संयोजक डा जितेन्द्र वर्मा, डा राजीव चैधरी एवं संजय त्यागी द्वारा संयुक्त रुप से माॅ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित तथा पुष्प अर्पण कर किया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में काॅंलेज की प्राचार्या डा0 दीप्ती डिमरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान का युग स्किल (निपुणता) का युग है। अतः यह सभी छात्राओं के लिए आवश्यक है कि उनमें रोजगार प्राप्त करने की निपुणता का विकास हो। इसी उद्देश्य से भारतीय महिला आयोग भारत सरकार के सहयोग से काॅंलेज की छात्राओं के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जो कि छात्राओं के लिए एक बडा अवसर है कि वह अपनी रोजगार परक निपुणताओं मे विकास कर अपने आप को बाजार में रोजगार की मांग के अनुसार तैयार कर सके। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के सयोजक एवं समाज कार्य विभाग के अध्यक्ष डा0 जितेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग पिछले पाॅच वर्षों से काॅंलेज को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान कर इस तरह के कार्यक्रमों के लिए अवसर प्रदान करता रहा है जो कि काॅंलेज के प्रति आयोग के विश्वास को दर्शाता है। डा0 जितेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद आयेजित सत्रों के आधार पर प्रतिभागियों का मुल्यांकन किया जायेगा तथा तीन प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार प्रदान किये जायेगें। प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य रूप से तीन सत्रों में आयोजित किया गया। जिसमें प्रथम सत्र में व्यक्तिगत क्षमता वर्धन, द्वितीय सत्र में व्यवसायकि रोजगार की निपुणता तथा तृतीय सत्र मे सोशल मीडिया का प्रयोग तथा डिजिटल साक्षरता पर आयोजित किया गया।प्रथम सत्र में विषय विशेषज्ञ डा0 रमीज इकबाल खान ने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत क्षमता वर्धन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि व्यक्त्वि विकास के लिए तीन प्रकार की निपुणताओं का छात्रों में होना अति आवश्यक है। जिसमें प्रथम किसी की बातो को ध्यानपूर्वक सुनना, द्वितीय समय का प्रबन्धन एवं उपयोग एवं तृतीय आन्तरिक संचार एवं समूहिक चर्चा है। उपरोक्त तीनो बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि छात्र किस प्रकार से इन निपुणताओं को अपने अन्दर विकसित कर सकते है। द्वितीय सत्र में व्यवसायिक रोजगार की निपुणता पर काॅंलेज की सहायक आचार्य डा शालीनी ने बताया कि छात्र अपनी योग्यता के अनुसार रोजगार को किस प्रकार चिन्हित करे जिससे कि उन्हे रोजगार प्राप्त करने में आसानी रहे क्योकि रोजगार न प्राप्त कर पाने का एक कारण यह भी है कि हम अपनी योग्यता एवं निपुणता के अनुसार रोजगार को चिन्हित नहीं कर पाते है। डा0 शालीनी ने प्रशिक्षण में आगे यह बताया कि रोजगार की पहचान के साथ-साथ यह आवश्यक है कि वह अपनी निपुणताओं का सही ढ़ग से प्रदर्शन कर पाये। जिसमें पहला चरण है विद्यार्थी का बायोडेटा। अतः सभी विद्यार्थी को अपने बायोडेटा में किन बिन्दुओं को सम्मलित करना चाहिए पर भी बारीकि से छात्रो को जानकारी प्रदान की। साथ ही यह भी बताया कि उपरोक्त तैयारी के साथ-साथ छात्रो को साक्षात्कार के लिए किस प्रकार तैयारी होनी चाहिए। तृतीय सत्र में कम्यूंटर सांइस के विभागाध्यक्ष डा0 प्रांशु कुमार ने डिजिटल साक्षरता पर प्रकाश डालते हुए उसकी निपुणताओं के बारे में अवगत कराया। जिसमें प्रमुख रूप से सोशल मीडिया के प्रयोग तथा उसके माध्यम से होने वाले अपराध के बारे में छात्रो को जानकारी प्रदान की। सत्र में प्रांशु ने छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए कहा कि जिस प्रकार तेजी से इंटरनेट का उपयोग युवाओं में बढ़ रहा है वही इसके माध्यम से अनेक युवा साइबर क्राइम का भी शिकार हो रहे है। अतः यह आवश्यक हो गया है कि वर्तमान में युवा इंटरनेट के प्रयोग के साथ-साथ उसका सुरक्षित उपयोग कैसे किये जाये तथा लोगो में जागरूकता किस प्रकार लाई जाये एवं साइबर क्राइम से भी सम्बन्धित कानूनों एवं प्रावधानों के बारे में छात्रो को अवगत कराया।काॅंलेज के चैयममेन अमित गोयल ने कहा कि काॅंलेज प्रबन्धन अपने छात्रो के लिए नई शिक्षा नीति के अनुरूप उनमें निपुणता विकास के लिए प्रतिबद्व है जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रो में निपुणता का विकास करना तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इस तरह के कार्यक्रम छात्रो के लिए अवसर होते है जिसमें वे अपने आप को वर्तमान समय मे आवश्यक निपुणताओं का विकास कर सके। काॅलेज के सचिव इंजीनियर दीपक मित्तल ने कहा कि काॅंलेज का सदैव यह प्रयास रहा है कि अपने छात्रो में विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से पाठ्यक्रम से अलग छात्रो में ज्ञान का संचार हो एवं निपुणताओं का विकास हो। काॅंलेज के कोषाध्यक्ष डी0के0 अग्रवाल ने बताया कि काॅंलेज हमेशा से ही छात्रो के विकास पर केन्द्रित रहा है। भारतीय महिला आयोग द्वारा इस प्रकार के प्रयास सराहनीय है।कार्यक्रम के सफल आयोजन में डा0 निधि शुक्ला ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा शिक्षक प्रांशू कुमार, गजाला मुश्ताक, तनु शर्मा, नाजिया निहाल का प्रमुख रूप से सहयोग रहा।

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