नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार कैबिनेट की बैठक में संकेत दिया है कि कोरोना वायरस के चलते लागू तीन सप्ताह के लॉकडाउन के 14 अप्रैल को समाप्त होने की संभावना है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित बैठक में कहा कि ऐसे क्षेत्र जो हॉटस्पॉट नहीं है, उन्हें धीरे-धीरे खोलने की योजना बनाई जानी चाहिए। पीएम मोदी ने संकेत दिया कि लॉकडाउन खोलने के लिए एक क्रमिक शुरुआत की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “उन्होंने (पीएम मोदी) कहा कि जहां हॉटस्पॉट्स नहीं हैं, वहां धीरे-धीरे विभागों को खोलने के लिए एक योजना बनाई जाए। उन्होंने आगे कहा कि यह संकट चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करता है।”
Had a fruitful interaction with the Council of Ministers today on the COVID-19 situation. Ministerial colleagues shared insightful ground-level feedback on ways to tackle Coronavirus. https://t.co/DZMBImxnPp
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2020
पीएम ने मंत्रियों के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा निरंतर दिए गए सुझाव कोरोना वायरस से निपटने की रणनीति बनाने में काफी प्रभावकारी साबित हुए हैं। यह जरूरी है कि नेतागण राज्य एवं विशेषकर उन जिलों के जिला प्रशासन के साथ विस्तारपूर्वक संवाद करें, जो महामारी के हॉटस्पॉट हैं और इसके साथ ही वे जमीनी स्थिति से अवगत हों और आकस्मिक समस्याओं का समाधान भी प्रदान करें।
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित तीन सप्ताह का लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को इस प्रभाव को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा, और इसके लिए मंत्रालयों को व्यापार की निरंतरता बनाने के लिए योजना तैयार करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद पैदा होने वाली हुई परिस्थितियों के लिए रणनीति बनाना आवश्यक है। पोस्ट-लॉकडाउन अवधि के लिए तैयारी का संकेत देते हुए, उन्होंने मंत्रियों से कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद 10 प्रमुख निर्णयों और फोकस के 10 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की सूची तैयार करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी संकेत दिया कि अब से भारत को अधिक स्वदेशी क्षमता का निर्माण करना होगा। पैदा हो रही चुनौतियों के कारण, देश को अन्य देशों पर अपनी निर्भरता कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि उनका काम ‘मेक इन इंडिया’ को कैसे बढ़ावा देगा, इस बारे में सोचें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को कटाई के मौसम में हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इस संबंध में, उन्होंने तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने और ऐप-आधारित कैब सेवाओं की तर्ज पर मंडियों के साथ किसानों को जोड़ने के लिए ‘ट्रक एग्रीगेटर्स’ का उपयोग करने जैसे नए समाधानों को प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने आदिवासी उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार करने की आवश्यकता भी जताई, ताकि आदिवासी आबादी के आय का स्रोत बरकरार रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन उपायों और सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों पर एक साथ अमल करने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि सरकार को इस प्रभाव को कम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना चाहिए। मंत्रियों से ग्रामीण क्षेत्रों एवं जमीनी संस्थानों में आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा, ताकि महामारी के बारे में जानकारी एवं जागरूकता बढ़ाई जा सके।
बैठक में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रियों, प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।