1300 नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने समारोह में लिया भाग
भास्कर ब्यूरो वाराणसी। सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी में 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में नए प्रवेशकों के लिए अभिमुखीकरण समारोह (ओरिएंटेशन प्रोग्राम) का आयोजन किया गया। कोविड-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के लिए एक अभिनव प्रतिक्रिया के रूप में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काहिविवि), वाराणसी ने भारत सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रम का अभ्यास करते हुए स्वयं संस्थापित विशेषज्ञता के उपयोग से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल अभिमुखीकरण समारोह का संचालन करके एक और आयाम जोड़ा। इस वर्चुअल अभिमुखीकरण समारोह में लगभग 1300 नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं के साथ साथ बड़ी संख्या में संकाय सदस्यों और अन्य आमंत्रित लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के दूरदर्शी संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और कुलगीत गायन के साथ की गई। नए प्रवेशकों के लिए अपने संबोधन में, निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने छात्रों का औपचारिक रूप से स्वागत करते हुए कहा कि वे अब ज्ञान और चरित्र के संगम आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी का एक अभिन्न अंग बन गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान अपने परिसर में छात्रों को देखने के लिए उत्सुक है, लेकिन कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए उनकी शैक्षणिक गतिविधियों को अच्छी तरह से ऑनलाइन माध्यम से संचालित किया जाएगा। उन्होंने छात्रों को अवगत कराया कि संस्थान अपने प्रगतिशील पाठ्यक्रम, जीवंत सह-पाठ्यचर्या और पाठ्येतर जीवन, खेल, सांस्कृतिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से उनके समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्थान का एक अभिन्न अंग होने के गौरव को प्राप्त करने के साथ ही नए प्रवेशकर्ता निश्चित रूप से संस्थान नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, जिससे आने वाली पीढ़ियों को अनवरत प्रेरणा मिलती रहे।
इसके साथ ही निदेशक ने नए छात्रों के माता-पिता को यह भी आश्वासन दिया कि संस्थान छात्रों को एक ऐसा माहौल प्रदान करेगा जो उनके बहुआयामी विकास को सुनिश्चित करेगा। शैक्षणिक मामलों के डीन प्रो एस.बी. द्विवेदी ने जेईई -2020 में सफल छात्रों को बधाई दी और आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी बिरादरी में उनका स्वागत किया। उन्होंने छात्रों को सूचित किया कि विषम सेमेस्टर 2020-21 के लिए उनकी कक्षाएं ऑनलाइन मोड के माध्यम से आयोजित की जाएंगी। उन्होंने छात्रों को उनके जीवन में विकास की एक मुख्य अवधि में शुरू करने के लिए उनकी इच्छाओं को बढ़ाया और जोर दिया कि संस्थान उन्हें अकादमिक रूप से समृद्ध करेगा ताकि वे उत्कृष्टता के लिए प्रेरित रहें, और व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों रूप से पुरस्कृत हों।
उन्होंने कहा कि आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी में छात्रों के सीखने के अनुभव बेहद फायदेमंद और पूरे होंगे। डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो बी.एन. राय ने नए प्रवेशकों का स्वागत किया और उन्हें छात्र जिमखाना और छात्र संसद के तत्वावधान में आयोजित कई छात्र गतिविधियों से परिचित कराया। उन्होंने उन्हें छात्र परिषदों और क्लबों से जुड़ने के लिए भी आमंत्रित किया। अनुसंधान और विकास के डीन प्रो राजीव प्रकाश ने अनुसंधान, नवाचार की दुनिया में नए प्रवेशकों का परिचय कराया और उन्हें बताया कि आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी में कई उद्यमी अवसर उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
प्रोफेसर ए के त्रिपाठी, डीन ऑफ रिसोर्स एंड एलुमनी ने छात्रों को आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराया, जो उन्हें उल्लेखनीय पूर्व छात्रों की लीग की एक दृश्य यात्रा में ले गया। जेईई-2020 के चेयरमैन प्रो सुनील मोहन ने नए छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें आगे आने और दुनिया को अपना बनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन समारोह में जुड़े हुए सभी प्रतिभागीयों तथा अतिथियों के द्वारा राष्ट्रगान के गायन से सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की मेजबानी डॉ भावना वर्मा ने की और इसका प्रबंधन टीएलसी समन्वयक डॉ एन.एस. राजपूत और सह-समन्वयक डॉ अजीत के मिश्रा, डॉ अनुराग ओहरी और टीएलसी टीम के द्वारा की गयी।