शहजाद अंसारी
बिजनौर। उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही लगातार तनाव के शिकार होकर आत्महत्या कर रहे हैं इससे उत्तर प्रदेश के डीजीपी के साथ साथ सरकार भी चिंतित हैं। पुलिस की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और दरोगाओं को किस तरह तनाव मुक्त किया जाए जिससे वह अपनी ड्यूटी को सही से अंजाम दे सके उसके लिए पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने जनपद के सभी सीओ को अपने अपने सर्किलों के पुलिसकर्मियों की समस्त समस्याओं को दिलचस्पी से सुनकर उनका निसतारण करने के निर्देश दे रखे है।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में बीती 04 जून को विधायक के गनर मनीष प्रताप सिंह व 06 जून को मेरठ के थाना दौराला में तैनात सिपाही हीरालाल ने मॉनसिक तनाव में घिरे होने कारण अपनी सरकारी बन्दूक से गोली मारकर की गई आत्माहत्या ने पूरे पुलिस विभाग में हडकम्प मचा दिया है। पुलिस महकमे की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले कांस्टेबल जो विपरीत परिस्थितियों में दिन रात काम करते है उनमें तनाव का कारण छुटटी न मिलना व उनकी बात को नजर अंदाज करना माना जा रहा है जिससे बहुत से पुलिसकमÊ मजबूरी के बावजूद छुट्टी न मिल पाने के कारण खिन्न हो जाते हैं और बेमन से ड्यूटी करते समय डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं जबकि बॉर्डर स्कीम को भी इसके लिए बेहद जिम्मेदार माना जा रहा है। समय समय पर पुलिस सुधार के लिए बहुत सी सिफारिशें की गई लेकिन उन्हें अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। 2010 के बाद से पुलिस में काफी पैमाने पर भतÊ हुई है जिनमे काफी संख्या महिला पुलिस कर्मियों की भी है जो पुलिस के रुतबे से आकर्षित होकर इस कठिन सेवा की नौकरी में आईं। लेकिन अपने गृह जनपद से काफी दूर होने के कारण अपने परिजनों से मिलने के लिए भी बेबस महसूस करती हैं। वहीं लगातार तनाव में रहने के कारण कांस्टेबल चिड़चिड़े मिजाज़ के हो रहे है जिसका खामियाजा कभी कभी निर्दोश व सज्जन लोगों को भी भुगतना पड़ जाता है। पुलिस के विशेषज्ञ की अगर माने तो 1861 में पुलिस एक्ट के तहत पुलिस का गठन ब्रिटिश काल के दौरान हुआ और कई बार नियमावली बनी अब कई मंचो पर बहस तेज़ हो गई है कि पुलिस के सुधार के लिए पूरे सिस्टम में सुधार करना होगा। पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने दैनिक भास्कर संवावदाता शहजाद अंसारी को जानकारी देते हुए बताया कि पहले से ही पुलिसकर्मियों की समस्त समस्याओं को दिलचस्पी से सुनकर उनका निस्तारण किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों को समय पर छुटटी दी जा रही है साथी ही सैनिक सम्मेलन नाम से समय समय पर बडे खाने का आयोजन कराया जाता है जिसमें सिपही से लेकर अधिकारी तक एक साथ खाना खाते है उस दौरान पुलिकर्मियों का हालचाल भी जाना जाता है। एसपी संजीव त्यागी ने कहा कि उन्होनें जनपद के सभी सीओ को अपने अपने सर्किलों के पुलिसकर्मियों की समस्त समस्याओं को दिलचस्पी से सुनकर उनका निसतारण करने के निर्देश दे रखे है।
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