विनोद मेहरा बॉलीवुड का एक जाना माना नाम था। साल 1990 में सिर्फ 45 साल की उम्र में उन्होने दुनिया को अलविदा कह दिया था। 13 फरवरी 1945 को अमृतसर में पैदा हुए विनोद मेहरा उन कलाकारों में से थे जिन्होंने बहुत कम समय में बॉलीवुड में अपनी एक खास जगह बना ली थी। सबसे पहले 1958 में आई फिल्म ‘रागिनी’ में विनोद चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में दिखे थे।
इसके बाद साल 1971 में फिल्म ‘एक थी रीता’ में वह सबसे पहले लीड एक्टर के रूप में नजर आए। इस फिल्म में उनके अपोजिट अभिनेत्री तनुजा थीं। विनोद मेहरा का स्टाइल सबसे अलग माना जाता था और इसी वजह से वो बहुत—सी अभिनेत्रियों के बीच खासा लोकप्रिय थे। उनकी लव लाइफ में के बारे में सबसे चर्चित कहानी है अभिनेत्री रेखा से उनकी शाादी।
पत्नी से मिला था धोखा —
बता दें कि विनोद मेहरा ने तीन शादियां की थीं। उनकी पहली पत्नी मीना ब्रोका से शादी के बाद मेहरा को हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद ये शादी खत्म हो गई। जब विनोद ठीक हुए तो उन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से शादी की। बिंदिया और विनोद कुछ वक्त साथ रहे और बाद में बिंदिया ने भी डायरेक्टर जेपी दत्ता से शादी कर ली।
रेखा के साथ उनकी शादी अब भी है एक मिस्ट्री :—
उस वक्त विनोद बेहद अकेले पड़ गए थे। जिसके बाद उनका दिल अभिनेत्री रेखा के साथ जुड़ा और दोनों की नजदीकियां बढ़ती गई। इस दौरान उनकी गुपचुप शादी की भी खबरें काफी वायरल हुई थीं। हालांकि रेखा ने अपनी शादी की बात से इंकार किया था। मगर पत्रकार यासीर उस्मान की किताब ‘रेखाः द अनटोल्ड स्टोरी’ में एक घटना का जिक्र मिलता है, जो इस खबर को हवा देती है।
उस किताब में एक किस्सा बताया गया है कि जब रेखा और विनोद मेहरा कलकत्ता में शादी करने के बाद मुंबई पहुंचे थे, तो विनोद की मां को उनकी शादी से बिलकुल खुश नहीं थी और वो गुस्से से लाल-पीली हो गईं। किताब में ये भी लिखा है कि रेखा जब अपनी सास के पैर छूने के लिए झुकीं तो वो पीछे हट गईं। इतना ही नहीं उन्होंने तो रेखा को मारने के लिए चप्पल तक निकाल ली थी।
उनका हर किरदार था यादगार :—
वहीं अगर फिल्मी दुनिया की बात करें तो पर्दे पर विनोद मेहरा की जोड़ी सबसे ज्यादा मौसमी चटर्जी के साथ पसंद की गयी। विनोद को ‘अमर प्रेम, ‘अनुरोध, ‘अनुराग’, घर’, ‘स्वर्ग नरक’, कुंवारा बाप’,’अमर दीप’,’नागिन’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में दर्शकों का काफी प्यार मिला था। उनकी आखिरी फिल्म ‘गुरुदेव’ थी जो उनकी मौत के तीन साल बाद आई थी!