अंतरराष्ट्रीय गिरोह के नेटवर्क की कमान संभालती थी नसरीन…छांगुर बाबा ने किये कई बड़े खुलासे

नई दिल्ली। अवैध धर्मांतरण के मामले में धरे गए छांगुर बाबा ने अपनी करतूतों को कबूल लिया है। उन्होंने कबूला है कि दुबई और नेपाल में उसके गिरोह का सबसे ज्यादा नेटवर्क है। यहां की कमान नीतू उर्फ नसरीन ही संभाल रही थी। यहां से आने वाली रकम व संस्थाओं को सहयोग के लिए मददगार नीतू से ही सम्पर्क करते थे। रिमाण्ड अवधि के चौथे दिन एटीएस अफसरों से ऐसा ही छांगुर बाबा ने कहा। रविवार को भी सबसे ज्यादा सवाल विदेशी फंडिंग को लेकर हुए।

एटीएस ने जब पूछा कि दोनों व गिरोह के अन्य सदस्यों के कितने खाते कहां-कहां खुले हुए हैं। इस पर दोनों के विरोधाभासी जवाब थे। छांगुर ने कहा कि उसे सिर्फ अपने खाते के बारे में पता है। वहीं नीतू ने कहा कि छांगुर ही सारे खाते का हिसाब रखता था। वह अपने नाम से खुले आठ खातों के बारे में ही जानती है। उसके इन खातों में तीन अलग-अलग संस्थाओं के नाम से हैं। एटीएस ने धर्मांतरण से जुड़े कई सवाल किए। बताया जाता है कि एटीएस इन दोनों को आजमगढ़ व श्रावस्ती भी ले जा सकती है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक जैसे ही उससे धर्मांतरण के बारे में पूछा जाता है, वह एक ही रट लगाता है कि उसने एक भी अवैध धर्मांतरण नहीं कराया।

सबने अपनी मर्जी से ही इस्लाम धर्म कुबूल किया। सालाना उर्स की बात पर उसने कहा कि सब कुछ सबके सामने होता था। दरगाह के पास सालाना उर्स में हर धर्म के लोग आते थे। जब उससे रुपये देकर इस्लाम धर्म कुबूलवाने की बात कही तो वह गोलमोल जवाब देने लगा। उसके सामने ही नीतू से पूछा गया कि रकम कहां-कहां खर्च करती थी। इस पर उसने छांगुर बाबा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये ही तय करते थे कितनी रकम कहां खर्च की जानी थी। एटीएस रिमाण्ड पर पूछताछ के दौरान दोनों के गोलमोल जवाब देने पर वह सख्त भी हुई।

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