अतिक्रमण को लेकर बैठक तीसरी बार भी बेनतीजा

भास्कर समाचार सेवा
ऋषिकेश। राष्ट्रीय राजमार्ग ऋषिकेश की सड़कों पर व्यापारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण को लेकर एनएच और नगर निगम के अधिकारियों के साथ व्यापारियों की बैठक तीसरी बार भी बेनतीजा साबित हुई।
गुरुवार को एक बार फिर अधिकारी तथा नगर के व्यापारी ऋषिकेश की सड़कों से हटाए जाने वाले अतिक्रमण को लेकर एनएच विभाग द्वारा किए जा रहे उच्च न्यायालय के आदेश पर चिन्हिकरण के चलते हुए नाप को लेकर विवाद के बाद अधिकारियों के संग तीसरी बार हुई बैठक भी नाप मे उलझ कर रह गई। जिसका कारण श्री भरत मंदिर की ओर से बैठक में प्रस्तुत किए गए दस्तावेज व ऋषिकेश से संबंधित खसरा खतौनी रहे, जिसमें बताया गया कि पालिका तथा पीडब्ल्यूडी ने जो दस्तावेज एनएच को उपलब्ध कराए हैं, वह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। भरत मंदिर की ओर से वरुण ओर वत्सल शर्मा द्वारा दिए गए दस्तावेजों में कहा गया कि जयराम आश्रम के बगल से निकलने वाली रोड पुराना बद्रीनाथ मार्ग के नाम से जानी जाती है,लेकिन वर्तमान में जो हरिद्वार रोड बताई गई है, वह पुराने दस्तावेजों में नहीं थी, जिस पर अधिकारी उलझ कर रह गए। इसके बाद यह तय हुआ कि वह सभी विभागों के पास सड़कों से संबंधित दस्तावेजों को खंगालने के बाद दोबारा फिर बैठेंगे। कुल मिलाकर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के बावजूद भी अधिकारी व्यापारियों के विरोध के चलते चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गुप्ता का कहना है कि न्यायालय द्वारा अधिकारियों को ऋषिकेश के अतिक्रमण को लेकर दिए गए निर्देशों का अधिकारी पालन नहीं कर पा रहे हैं ।जिसके कारण न्यायालय द्वारा दिया गया अधिकारियों को समय की अवधि समाप्त हो चुकी है इसके बाद भी वह अधिकारियों द्वारा की जा रही न्यायालय की अवहेलना को लेकर पुनः उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे । बैठक में एनएच के अधिशासी अभियंता ओपी सिंह, सहायक अभियंता प्रवीण सक्सेना, नगर निगम के मुख्य आयुक्त नरेंद्र सिंह, तहसीलदार रेखा आर्य, नायब तहसीलदार करण सिंह, पटवारी सतीश चंद्र जोशी सहित अन्य व्यापारी भी मौजूद थे।

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