अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

गाजीपुर। अपर सत्र न्यायाधीश अली रजा की अदालत ने बुधवार को सदोष मानव वध के मामले में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक को 14-14 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही अर्थदंड की राशि से 50 प्रतिशत राशि वादी को देने का आदेश दिया है।

अभियोजन के अनुसार थाना शादियाबाद गांव हंसराजपुर निवासी शेषाअवतार सिंह ने तहरीर दी। बताया कि 14 मई 2008 को तीन बजे शाम को जमीन विवाद को लेकर पट्टीदार विंध्याचल सिंह से बातचीत चल रही थी। इसी दौरान उनकी पत्नी शीला सिंह, उनके लड़के बृजेश और विक्की सिंह,बलवन्त सिंह तथा उनकी लड़कियां अर्चना सिंह, बन्दना सिंह ने लोहे की रॉड और डंडा लेकर वादी पर हमला बोल दिया। जिससे वादी के चाचा श्रीराम सिंह और लक्ष्मण अवतार घायल हो गये। गांव के लोग उन्हें अस्पताल ले गये। जहां से उन्हें इलाज के लिए वाराणसी भेज दिया।

इलाज के दूसरे दिन श्रीराम सिंह की मौत हो गई और लक्ष्मण अवतार की मृत्यु लगभग 1 माह 23 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। वादी की सूचना पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ और पुलिस ने विवेचना के बाद विंध्याचल सिंह, शिला सिंह, बृजेश सिंह, वंदना सिंह, अर्चना सिंह और बलवंत उर्फ रंजीत के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। सुनवाई के दौरान आरोपी अर्चना सिंह की मौत हो गई और वहीं एक आरोपी बलवन्त उर्फ रंजीत किशोर अपचारी पाया गया। उसकी पत्रवाली किशोर न्याय बोर्ड भेजी गई। शेष आरोपियों का विचारण शुरू हुआ। अभियोजन की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कुल 11 गवाहों को पेश किया। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने विंध्याचल सिंह, शिला, बृजेश और वंदना के खिलाफ सजा सुनाते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया।

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