
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी टैरिफ नीति का तुरुप का पत्ता चला है. इस बार उन्होंने इंडोनेशिया को निशाना बनाते हुए एक ऐसा व्यापार समझौता कर लिया है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को खुला मैदान मिल गया है, जबकि इंडोनेशियाई कंपनियों को भारी टैक्स चुकाना पड़ेगा. ट्रंप की इस डील ने भारत समेत कई देशों की चिंता बढ़ा दी है.
15 जुलाई को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने ऐलान किया कि उन्होंने इंडोनेशिया के साथ एक विशेष व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत अमेरिका, इंडोनेशिया से आने वाले सामानों पर 19% टैक्स लगाएगा, जबकि अमेरिकी सामान इंडोनेशिया में बिना किसी टैक्स के प्रवेश पाएगा. अब सवाल उठता है कि क्या भारत अगला निशाना बन सकता है?
ट्रंप का ‘टैरिफ तुरुप
व्हाइट हाउस में प्रेस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने साफ कहा, “इंडोनेशिया 19% टैरिफ देगा, और हम एक पैसा नहीं देंगे. हमें उनकी पूरी मार्केट मिल रही है.” ट्रंप की धमकी के बाद इंडोनेशिया ने यह समझौता किया है. अप्रैल में ट्रंप ने इंडोनेशिया को 32% टैरिफ की चेतावनी दी थी, लेकिन अब इंडोनेशिया ने 19% टैक्स पर डील मान ली.
इस डील के तहत इंडोनेशिया ने अमेरिका से 15 अरब डॉलर के ऊर्जा उत्पाद, 4.5 अरब डॉलर के कृषि सामान और 50 बोइंग जेट खरीदने का भी वादा किया है. इसके अलावा, कोई अन्य देश अगर इंडोनेशिया के रास्ते टैक्स से बचने की कोशिश करेगा, तो उस पर भी भारी टैक्स लगाया जाएगा. ये ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति का ही हिस्सा है, जिससे उन्होंने अमेरिका को व्यापारिक फायदे की स्थिति में ला दिया है.
इंडोनेशिया ने कैसे मानी ट्रंप की शर्तें?
इंडोनेशिया के मंत्री एयरलांगा हार्तर्तो ने पिछले हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की थी. उन्होंने अमेरिका से आने वाले 70% सामान पर टैक्स खत्म करने या कम करने का प्रस्ताव रखा था. इसके साथ ही, ऊर्जा, खनिज, कृषि और रक्षा क्षेत्रों में बड़े-बड़े सौदों की पेशकश की गई थी.
हालांकि, ट्रंप इससे संतुष्ट नहीं हुए और अंत में इंडोनेशिया को 19% टैरिफ पर राजी होना पड़ा. अब दोनों देश मिलकर एक संयुक्त बयान तैयार कर रहे हैं जिसमें इस डील की तमाम शर्तें और बारीकियां शामिल होंगी.
भारत के लिए खतरे की घंटी?
ट्रंप की यह टैरिफ रणनीति पहले भी कई देशों के साथ देखने को मिली है चीन, ब्रिटेन, वियतनाम जैसे देशों को उन्होंने या तो चेतावनी दी या समझौता किया. अब भारत की बारी हो सकती है. ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि भारत जैसे देश अमेरिका का फायदा उठाते हैं.
अमेरिका ने भारत को भी 1 अगस्त 2025 से भारी टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है. अगर भारत समय रहते कोई समझौता नहीं करता, तो भारतीय उत्पादों पर बड़ा टैक्स लग सकता है, जिससे भारत की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री को भारी नुकसान हो सकता है.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर तेज हुई हलचल
भारत सरकार इस खतरे को भांपते हुए सक्रिय हो गई है. वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय अधिकारियों की टीम वाशिंगटन पहुंच चुकी है. उनका मकसद 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले कृषि और डेयरी उत्पादों से जुड़ी समस्याओं का हल निकालना है. वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर बातचीत तेज़ी से चल रही है और भारत की कोशिश है कि एक संतुलित और लाभकारी समझौता जल्द हो जाए.