अल-कायदा की डिजिटल जिहादी निकली शमा परवीन, इंस्टाग्राम से करती थी ब्रेनवॉश; जानें कैसे पकड़ में आई
Dainik Bhaskar
बेंगलुरु से गिरफ्तार की गई शमा परवीन, महज़ 30 साल की एक महिला, जिसे देश की सुरक्षा एजेंसियों ने भारत में अल कायदा जैसे आतंकी संगठन की ऑनलाइन गतिविधियों की मास्टरमाइंड के रूप में चिन्हित किया है. झारखंड की रहने वाली यह महिला न केवल रेडिकल विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित थी, बल्कि एक संगठित नेटवर्क को खुद चलाने का काम कर रही थी.
गुजरात ATS के मुताबिक, शमा पाकिस्तान के आतंकियों से सीधे संपर्क में थी और चार से पांच ऑनलाइन टेरर मॉड्यूल्स पर सक्रिय रूप से काम कर रही थी. पाकिस्तान से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के ज़रिए उसकी सीधी बातचीत के सबूत एजेंसियों को मिले हैं. यानी आतंकी अब सीमाओं से नहीं, बल्कि वर्चुअल स्पेस से जंग लड़ रहे हैं और शमा उसमें एक अहम मोहरा थी.
#WATCH | Ahmedabad: Gujarat ATS arrested a woman, Shama Parveen (30) from Bengaluru, who was associated with Al Qaeda.
ATS DIG Sunil Joshi says, "… On 22 July, four accused were arrested who were associated with Al Qaeda. During the interrogation of these terrorists, we got to… pic.twitter.com/oyqJdeO8v5
डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार, शमा इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का काम कर रही थी. वह एक पॉपुलर इंस्टा अकाउंट चला रही थी जिसके हजारों फॉलोअर्स थे. इसी के ज़रिए वह लड़कों को बरगलाकर AQIS की विचारधारा से जोड़ती थी और देश को भीतर से तोड़ने की साजिश रचती थी.
गिरफ्तारी से पहले की चौकाने वाली तैयारियां
गुजरात ATS के सूत्रों का दावा है कि शमा बेंगलुरु में रहते हुए सिर्फ एक हैंडलर नहीं, बल्कि पूरे मॉड्यूल की संचालिका थी. उसने न केवल भारतीय युवाओं को रेडिक्लाइज किया, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी आकाओं से सीधा संवाद भी बनाए रखा. उसका डिजिटल एक्सपर्टीज़ उसकी सबसे बड़ी ताकत बन गई थी.
गिरफ्तारी का नेटवर्क से गहरा नाता
शमा परवीन की गिरफ्तारी हाल ही में गिरफ्तार किए गए चार आतंकियों मोहम्मद फरदीन, सैफुल्लाह कुरैशी, जीशान अली और मोहम्मद फैक से सीधे तौर पर जुड़ी है. ये सभी AQIS से संबंधित थे और सोशल मीडिया पर एक-दूसरे से जुड़े हुए थे. इन्हीं की सूचना से सुरक्षा एजेंसियों ने शमा को ट्रैक किया.
भारत के खिलाफ ‘सोशल’ युद्ध की रणनीति
ATS का दावा है कि यह मॉड्यूल केवल टारगेट पर हमले की योजना ही नहीं बना रहा था, बल्कि भारत के भीतर शरिया आधारित शासन लागू करने की सोच को भी फैलाया जा रहा था. इनका मकसद लोकतांत्रिक व्यवस्था को खारिज कर, मजहबी कट्टरता को स्थापित करना था और इसके लिए सोशल मीडिया इनका सबसे प्रभावशाली हथियार था.
पाकिस्तानी संपर्क और अंतरराष्ट्रीय साजिशें
शमा के मोबाइल, लैपटॉप और सोशल अकाउंट्स की जांच में यह सामने आया है कि वह केवल पाकिस्तान नहीं, बल्कि अन्य देशों के कट्टरपंथियों से भी जुड़ी थी. यह एक स्पष्ट संकेत है कि भारत के खिलाफ एक बहुस्तरीय डिजिटल जिहाद चल रहा है, जिसमें महिला भी मास्टरमाइंड की भूमिका में हैं.
क्या हमारी साइबर सुरक्षा तैयार है?
शमा परवीन की गिरफ्तारी महज एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि चेतावनी है. भारत को अब पारंपरिक आतंकवाद से ज़्यादा, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पनपते ‘सोशल आतंकी’ नेटवर्क से खतरा है. जब महिलाएं भी इस कट्टरता में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं, तो देश को साइबर और मनोवैज्ञानिक युद्ध की तैयारी और पुख़्ता करनी होगी.