
हम मजाक समझ रहे थे… और उसने गोली मार दी….
आतंकी हमले में पति को खोने वाली एशान्या ने सुनाई आपबीती
कानपुर। मुसलमान हो या हिन्दू… दो बार पूछने पर हम लोगों ने समझा कि वह आदमी मजाक कर रहा है, लेकिन कुछ ही सेकेंड में उसने शुभम के सिर पर गोली मार दी। वह खून से लथपथ गिर पड़े, वह चीखी। तभी चारों तरफ से गोलियों की तड़तड़हाट सुनाई देने लगी, जिससे पहलगाम गूंज उठा। चीख पुकार के बीच चारों तरफ लाशें दिख रही थीं। मैं शुभम को उठाने में लगी थीं, लेकिन बहन और मम्मी-पापा मुझे खींचते हुए गेट से बाहर ले गए। कुछ ही देर में सेना के जवान पहुंचे। पति का शव वहां पड़ा रहा और मैं बिलखती रही। अपनी आंखों के सामने आतंकी हमले में पति को खोने वाली एशान्या अपने पति शुभम की अंतिम विदाई से पहले खौफनाक पलों को साझा करते-करते फफक पड़ीं।
एशान्या ने सिसकते हुए बताया कि शादी के बाद पहली बार पूरे परिवार के साथ घूमने के लिए गई थीं। मंगलवार को पहलगाम पहुंचे थे। पहलगाम के ऊंचाई वाले हिस्से पर घुड़सवारी करके गेट तक पहुंचे थे। वहां से करीब 50 मीटर दूरी पर वह, शुभम और बहन शांभवी एक साथ बैठे थे। मम्मी-पापा गेट के पास थे। इस बीच, एक आतंकी ने आकर पूछा कि मुसलमान हो या हिंदू। वह उसकी बातें समझ नहीं पाईं। फिर दोबारा पूछा कि मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो। उसकी बातों को मजाक समझा और हम लोगों ने कहा कि नहीं भइया हम मुसलमान नहीं हैं। इतना कहते ही उसने पति को गोली मार दी। आंखों के सामने पति की जान चली गई और मैं कुछ नहीं कर सकी। आतंकी मुझे भी मार देते, लेकिन बहन और मम्मी-पापा मुझे खींचते हुए नीचे ले गए।