इन आदिवासियों के लिए प्रिंस फिलिप एक इंसान से बढ़कर थे

लंदन। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पति प्रिंस फिलिप का 99 साल की अवस्‍था में निधन हो गया है। प्रिंस‍ फिल‍िप के निधन से जहां पूरा देश शोक में डूबा है वहीं ब्रिटेन से करीब 16 हजार किमी दूर स्थित एक द्वीप पर रहने वाले आदिवासी अपने भगवान के जाने से सदमे में हैं। ऑस्‍ट्रेलिया के पास दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित वनुआतु द्वीप पर रहने वाले याओहनानेन आदिवासियों के लिए प्रिंस फिलिप एक इंसान से बढ़कर ‘भगवान’ की तरह से थे।

याओहनानेन आदिवासियों का एक समूह प्रिंस फिलिप की पूजा करता है और अब उनके जाने से गहरे शोक में डूब गया है। इन आदिवासियों को 10 अप्रैल को पास ही में रहने वाली एक महिला से प्रिंस के गुजर जाने की सूचना मिली। यह खबर सुनते ही आदिवासियों को बड़ा झटका लगा। एक महिला तो कथित रूप से रो पड़ी। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों को प्रिंस के निधन की सूचना देने वाली महिला ने बताया कि जब मैंने उन्‍हें बताया तो वे सदमें आ गए और पूछा कि क्‍या मैं सच कह रही हूं।

‘कई महिलाएं भावुक हो गईं तथा रोने लगीं’
महिला ने कहा कि वे बहुत-बहुत ज्‍यादा दुखी हैं। इस खबर को सुनकर जहां मर्द दुखी थे और निराश थे, वहीं कई महिलाएं भावुक हो गईं तथा रोने लगीं। रोचक बात यह है कि इस द्वीप पर प्रिंस फिलिप कभी नहीं आए थे लेकिन उन्‍हें इन आदिवास‍ियों के बारे में पूरी जानकारी थी। द्वीप पर कुल 400 लोग रहते हैं। ये आदिवासी अब प्रिंस के निधन को याद करने के लिए पारंपरिक डांस करेंगे और शोक मनाने की योजना बना रहे हैं।

ऐसी लोकप्रिय मान्‍यता है कि इस कबीले के लोगों ने प्रिंस फिलिप और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की वर्ष 1960 के दशक में पोर्ट विला की यात्रा के दौरान तस्‍वीर देखी थी। उसके बाद से ही इस कबीले के लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया कि प्रिंस फिलिप एक मानवीय अवतार हैं जो एक दिन वनुआतु द्वीप पर वापस आएंगे। बता दें कि ब्रिटेन की सभी राजधानियों और नौसैनिक पोतों ने शनिवार को ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग दिवंगत प्रिंस फिलिप को तोपों की सलामी दी। प्रिंस फिलिप का 99 साल की उम्र में शुक्रवार को विंडसर कैसल में निधन हो गया था।

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