इस तारीख को लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, जानें भारत में सूतक काल मान्य होगा या नहीं

चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं और पृथ्वी का साया चंद्रमा पर पड़ता है. जब चंद्रमा पृथ्वी के साये में आता है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती, जिससे चंद्रमा का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा अंधेरे में चला जाता है.

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन यानी 14 मार्च को लगेगा. वहीं, 29 मार्च को सूर्य ग्रहण है. इस बार चंद्र ग्रहण सुबह 9:27 मिनट से शुरू होगा और 3:30 पर ख्तम हो जाएगा. यानी करीब 6 घंटे तक चंद्र ग्रहण लगेगा. 

क्या भारत में दिखेगा?

इस बार चंद्र ग्रहण उत्तरी-दक्षिण अमेरिका, प्रशांत व अटलांटिक महासागर, यूरोप, आंशिक ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव सहित एशिया-अफ्रीका के हिस्सों में नजर आएगा, लेकिन भारत में नहीं दिखेगा. 

क्या भारत में लगेगा सूतक काल?

सूतक काल हिंदू धर्म में एक विशेष समयावधि होती है, जो किसी ग्रहण (चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण) के घटित होने से पहले और बाद में मानी जाती है. इसे अशुद्धि का समय माना जाता है और इस दौरान कुछ धार्मिक कार्यों को करना वर्जित होता है. इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.

सूतक काल के प्रमुख नियम

  • सूतक काल के दौरान घर में खाना पकाना वर्जित होता है. कुछ लोग तो ग्रहण के दौरान खाना खाते भी नहीं हैं। ग्रहण के बाद घर की सफाई करने और स्नान करने के बाद ही भोजन तैयार करना जाता है.
  •  इस दौरान पूजा-पाठ, हवन, या अन्य धार्मिक कार्यों को करने से बचने की सलाह दी जाती है. हालांकि, कुछ लोग ग्रहण के समय विशेष पूजा करते हैं, जैसे कि चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के दौरान.
  • ग्रहण के दौरान कुछ लोग सोने या आराम करने की सलाह देते हैं, ताकि शरीर को शांति मिल सके और नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके. ग्रहण के बाद स्नान करके और घर की सफाई करने के बाद इसे समाप्त किया जाता है, जिससे घर और शरीर को शुद्ध माना जाता है.

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